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33 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट, बढ़ने वाली है ठंड

locationभोपालPublished: Oct 06, 2019 06:08:33 pm

Submitted by:

Faiz

प्रदेश के कई इलाकों में वर्षा वाले बादलों ने डेरा जमा रखा है। जिसके चलते अब भी रुक रुककर तेज झड़ी का सिलसिला बना हुआ है। यही कारण है कि, पिछले 24 घंटो में पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में गरज चम, बारिश और भारी बारिश दर्ज की गई।

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33 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट, बढ़ने वाली है ठंड

भोपाल/ मध्य प्रदेश से मानसून ने विदाई लेनी शुरु कर दी है। हालांकि, अब भी प्रदेश के कई इलाकों में वर्षा वाले बादलों ने डेरा जमा रखा है। जिसके चलते अब भी रुक रुककर तेज झड़ी का सिलसिला बना हुआ है। यही कारण है कि, पिछले 24 घंटो में पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में गरज चम, बारिश और भारी बारिश दर्ज की गई। राजधानी भोपाल में भी तेज हवाओं के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि दर्ज की गई। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मानसूनी सक्रीयता 11 अक्टूबर तक रहेगी।

 

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बीमारी का कारण बन रहा मौसम

इधर, राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य इलाकों में रात के समय ठंड बढ़ने लगी है। हालांकि, इस तरह का मौसम लोगों की बीमारियों का कारण भी बनता जा रहा है। क्योंकि, प्रदेशभर के ज्यादातर जिलों में सुबह से ही तीखी धूंप और उमस देखी जा रही है। दोपहर होते होते आसमान पर बादल डेरा जमा लेते हैं। कई स्थानों पर बारिश भी हो रही है। वहीं, नमी बढ़ने से रात होते होते ठंड का अहसास होने लगता है। यानी एक ही दिन में तीनों सीजन देखने को मिल रहे हैं। इसके कारण नज़ला खांसी और वायरल के मरीजों में काफी तेज़ी से बढ़ोरी हो रही है।

 

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इस बार पड़ेगी हाड़ कंपाने वाली ठंड!

मौसम विभाग का अनुमान है कि, जिस तरह इस बार प्रदेश में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है उसी तरह हाड़ कंपाने वाली ठंड से भी प्रदेशवासियों का सामना हो सकता है। बात करें बारिश की तो अब तक प्रदेश में औसत से 45 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है। इधर, केन्द्रीय मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश को अधिक बारिश वाले 11 राज्यों की सूची में शामिल किया है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि, अक्टूबर दूसरे सप्ताह तक प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। रविवार को भी मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में हल्की और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

 

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इन जिलों पर बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के 33 जिलों में भारी और अति भारी बारिश के साथ साथ गरज चमक का अलर्ट जारी किया है। इनमें राजधानी भोपाल समेत रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहौर, धार, इंदौर, खंडवा, खरगौन, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, बुरहानपुर, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, उज्जैन, नीमच, रतलाम, शाजापुर, देवास, आगर, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सिवनी बालाघाट, नरसिंहपुर, सागर जिले को शामिल किया गया है।

 

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10 हजार करोड़ के नुकसान, 15 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद

इस साल प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के चलते करीब 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया है। इसमें 8 हजार करोड़ की फसल खराब हुई है, जबकि 2 हजार करोड़ रुपए लागत की सड़कें, सरकारी भवन और मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आकलन के लिए केन्द्रीय दल निरीक्षण कर चुका है। बाढ़ से मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर-मालवा में सोंयत और भिंड-मुरैना में ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। साथ ही इस रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने लगभग 15 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद की है, जिसकी पुष्टी कुछ दिनों पहले जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने की थी। हांलांकि, बारिश का सिलसिला नहीं थमा तो ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। वहीं, इस बीच वर्षाजनित हादसों में 200 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। प्रदेश सरकार बाढ़ प्रभावितों को अब तक सौ करोड़ से ज्यादा की राहत राशि बांट चुकी है। साथ ही, राज्य ने केन्द्र सरकार से भी राहत पहुंचाने की अपील की है।

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