जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग द्वारा होटल संचालकों को माइक्रोब्र्युरी लायसेंस देने के लिए आवेदन पत्र मांगे हैं, जिसकी अंतिम तारीख 2 मई बताई जा रही है, बताया जा रहा है इस लायसेंस को लेने के बाद होटल में ही तुरंत तैयार बियर बेची जा सकेगी। इसके लिए होटल संचालक को करीब 2.5 लाख रुपए में लायसेंस मिलेगी, इसी के साथ बियर तैयार करने का प्लांट अलग से लगाना होगा।
दिल्ली मुंबई की तरह इंदौर भोपाल में देंगे लायसेंस
अब तक दिल्ली मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में स्थित होटलों में ही माइक्रोब्र्युरी लायसेंस दिया जाता था, जिसके तहत ग्रहाकों को होटल में तैयार शराब पिलाई जाती है, आबकारी विभाग द्वारा अब इंदौर-भोपाल में भी इस प्रकार के लायसेंस दिए जाएंगे, जिसकी फीस ढ़ाई लाख रुपए साल चुकानी होगी, इसके साथ ही होटल में बियर तैयार करने की मशीन अलग से लगानी होगी।
आपको बतादें कि नई शराब नीति के तहत इस बार दिए गए ठेकों में भले ही सरकार ने शराब की नई दुकानों की संख्या बिल्कुल नहीं बढ़ाई है, लेकिन देशी ठेकों को ही अग्रेंजी शराब बेचने की पात्रता ने इस कमी को दूर कर दिया है, ऐसे में कई देशी शराब के ठेके वालों ने देशी के ठेके के समीप ही विदेशी का ठेका भी खोल लिया है, इससे भले ही कागजों में शराब की दुकानों की संख्या नहीं बढ़ी है, लेकिन हकीकत में शराब दुकानें बढ़ चुकी है।
अब हर होटल बन जाएगी बियर बार
नई शराब नीति के तहत अब कोई भी होटल संचालक माइक्रोब्र्युरी लायसेंस लेकर होटल में ही शराब तैयार कर सकेगा, इस नीति के तहत अगर कोई दुकानदार लायसेंस ले लेता है, तो निश्चित ही उसकी होटल बार बन जाती है और वह खुलेआम बियर की आड़ में शराब भी परोसने लगेगा, इसमें एक दिक्कत ये भी आएगी, कि जो लोग अब तक होटलों में जाकर केवल खाना खाकर निकल आते थे, वे अब होटलों में तैयार होने वाली बियर भी पीने लगेंगे।
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गेहूं-चावल की बना सकेंगे बियर
होटल संचालक मशीन के माध्यम से अनाज यानी गेहूं और चावल से बनने वाली बियर बना सकेंगे, इसमें वही सामग्री उपयोग में होगी, जो ब्रेवरी में उपयोग होती है, बियर बनाने के बाद उसकी लाइन होटल या रेस्टोरेंट में लगाई जा सकेगी, जहां से डिस्पेंसर से बियर निकालकर ग्राहकों को परोसी जाएगी।