बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा पर रिश्वत के आरोप लगाने के बाद चर्चा में आए आईएएस अफसर (ias officer) बड़वानी के अपर कलेक्टर लोकेश जांगिड़ का कहना है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। इस संबंध में शिकायत करते हुए जांगिड़ ने डीजीपी विवेक कुमार जौहरी (dgp vivek kumar johari) को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी है।
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डीजीपी को शिकायत की
जांगिड़ ने डीजीपी (complaint to dgp) को लिखा है कि 13 जून सुबह मेरे द्वारा एमपी आइएएस एसोसिएशन (mpiaso) के निजी, आंतरिक सिग्नल ग्रुप (Signal app) पर सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कुछ मैसेज प्रेषित किए गए थे। हालांकि यह प्राइवेट स्वरूप का ग्रुप था, परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से किसी साथी आइएएस की ओर से इसे लीक कर वायरल कर दिया गया। इस परिप्रेक्ष्य में रात करीब 11.50 बजे मेरे पास अज्ञात नंबर से काल आया।
जैसे ही मैंने काल कनेक्ट किया, सामने से कहा गया कि तू नहीं जानता तूने किससे पंगा ले लिया। साधना भाभी पर आरोप लगाकर तूने मौत को बुलाया है। अगर खुद को और तेरे बेटे की, जिसकी फोटो तू स्टेटस पर लगाता रहता है, तुझे जान प्यारी है तो कल ही 6 माह की छुट्टी पर चले जा और मीडिया से बात करना बंद कर। रवीश कुमार और अजीत अंजुम जैसे पाकिस्तानी तेरा उपयोग कर रहे हैं, तेरे समझ में नहीं आ रहा। ज्यादा शहादत का शौक मत चढ़ा। और फोन काट दिया।
लोकेश जांगिड़ ने लिखा है कि उपरोक्त धमकी तथा पूर्व में व्यापमं के व्हीसल ब्लोअर के साथ जो हुआ, उसे देखते हुए मुझे व परिवार को जान का खतरा उत्पन्न हो गया है। अतः मेरे निवास पर 24 घंटे चार सशस्त्र सुरक्षा गार्ड लगाने की कृपा करें। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार तक जांगिड़ को सुरक्षा नहीं मिल पाई थी।
कहां से शुरू हुई कहानी
2014 बैच के आइएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ कुछ समय पहले ही बड़वानी में अपर कलेक्टर पदस्थ हुए थे। सबकुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन जांगिड़ ने आइएएस अफसरों के वाट्सअप ग्रुप में जो पोस्ट लिखी, वो लीक हो गई। इसमें जांगिड़ ने बड़वानी कलेक्टर के बारे में लिखा है कि कलेक्टर शिवराज वर्मा पैसे नहीं खा पा रहे थे, इसलिए शिवराज सिंह चौहान के कान भर दिए, दोनों ही एक ही समाज से आते हैं, किरार समाज से। जिसकी सेक्रेटरी कलेक्टर की पत्नी हैं। सीएम शिवराज सिंह की पत्नी किरार समाज की प्रेसिडेंट हैं। लोकेश आगे लिखते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद वे एक किताब लिखेंगे और उसमें सभी तथ्यों को लिखेंगे, क्योंकि अभी उनके हाथ बधे हुए हैं। मैं किसी से नहीं डरता हूं, इसलिए सब खुलेआम बोल रहा हूं।
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महाराष्ट्र प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आवेदन
11 जून को ही जांगिड़ ने डीओपीटी को लेटर लिखकर अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आवेदन किया था। आइएएस अफसर जांगिड़ लिखते हैं कि उनके परिवार में टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित करीब 87 वर्ष के दादाजी हैं और उनकी 57 वर्षीय मां हैं। परिवार को उनकी जरूरत है, इसलिए उन्हें 3 वर्ष के लिए महाराष्ट्र इंटर कैडर प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया जाए।