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भोपाल

भेल में 110 साल से ज्यादा उम्र के पेड़ दे रहे बुजुर्गों को संजीवनी, सबसे ज्यादा 80 साल से ऊपर 3365 पुरुष इसी क्षेत्र में

– स्वच्छ हवा, खूबसूरत सुबह का आनंद लेते हैं शहर के लोग, नजीराबाद के बाद शहरी क्षेत्र में सबसे घना जंगल यहीं बचा
– जहां सबसे ज्यादा पेड़ कटे वहां लोगों की उम्र भी कम हो रही, वहां 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या कम,

भोपालJan 16, 2024 / 08:48 pm

प्रवेंद्र तोमर

भेल में 110 साल से ज्यादा उम्र के पेड़ दे रहे बुजुर्गों को संजीवनी, सबसे ज्यादा 80 साल से ऊपर 3365 पुरुष इसी क्षेत्र में, घनी आबादी के पुराने शहर में 1207

भेल में 110 साल से ज्यादा उम्र के पेड़ दे रहे बुजुर्गों को संजीवनी, सबसे ज्यादा 80 साल से ऊपर 3365 पुरुष इसी क्षेत्र में, घनी आबादी के पुराने शहर में 1207

इंट्रो….एक्सपर्ट सुदेश वाघमारे-

हरा रंग मन को शांत रखता है। इसलिए वन के बीच रहने वाला व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है। आज भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव ही अधिकांश बीमारियों का कारण है। ऐसा भी बताया गया है कि वृक्षों का आलिंगन करने से भी शरीर स्वस्थ्य और तनाव मुक्त रहता है। ऐसे में निश्चित ही आयु अधिक हो जाती है। ये कहना है पर्यावरणविद सुदेश वाघमारे का। इसी का परिणाम है कि जिन क्षेत्रों में आज भी हरियाली बची है, उन क्षेत्रों में 80 साल से ऊपर की उम्र के बुजुर्ग लंबी आयु ले रहे हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो हरे भरे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा भरपूर होती है और पर्यावरण भी शुद्ध रहता है।
भोपाल. शहर में भेल क्षेत्र में बचे 110 साल पुराने पेड़, घनी हरियाली की बदौलत यहां सुबह शाम का तापमान शहर के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले एक से दो डिग्री कम रहता है। प्रदूषण भी काफी कम ही रहता है, यहां छोटे बड़े कई पार्क हैं जिनमें सुबह ताजी हवा और मॉर्निंग वॉक पर काफी लोग आते हैं। यहां के घने क्षेत्र और पुराने पेड़ लोगों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं हैं। इसी का परिणाम है कि शहरी क्षेत्र के गोविंदपुरा में 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या 5687 है, इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग पुरुष 3365 और महिलाएं 2322 हैं। वहीं भोपाल के पुराने शहर में 80 साल से ऊपर के बुजुर्गों की संख्या सिर्फ 2553 है। इसमें पुरुष 1207 और महिलाएं 1346 हैं। यहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या ज्यादा है। ये क्षेत्र शहर के घने क्षेत्रों में आता है, पेड़ न के बराबर बचे हैं, गलियों में घने घर हैं, पुरानी बसावट है, थोड़े बहुत पार्क हैं भी तो उनमें कब्जे हैं।
जिले में नजीराबाद, समरधा, केरवा के जंगल सबसे घने जंगलों में गिने जाते हैं, यहां कई जगह ऐसी हैं जहां दिन में भी धूप नहीं पहुंचती है। शहर में विकास के नाम पर काफी हरियाली काट दी गई है। लेकिन प्रकृति और इंसानों का शुरू से साथ रहा है जो मतदाता सूची के इन आंकड़ों से और पुख्ता होता है। शहरी क्षेत्र में जहां रहवास एरिया है, उन क्षेत्रों में जहां सबसे ज्यादा हरियाली वहां सबसे ज्यादा लंबा जीवन। दूसरे नंबर पर अस्सी साल के बुजुर्गों की संख्या हुजूर विधानसभा में है, यहां 4383 मतदाता 80 से ऊपर हैं, लेकिन यहां महिलाओं की संख्या पुरुष के मुकाबले ज्यादा है। सिर्फ गोविंदपुरा में ही पुरुषों की संख्या अन्य विधानसभा के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
टीटी नगर में कई पार्क हैं, पेड़ थे, स्मार्ट सिटी में कट गएवहीं दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में कई पार्क थे आज भी हैं, काफी पेड़ और हरियाली थी, लेकिन स्मार्ट सिटी के चलते काफी हरियाली उजाड़ दी गई। पार्कों का रखरखाव भी पहले जैसा नहीं रहा।
इस विधानसभा में 80 साल से ऊपर के इतने बुजुर्ग

विधानसभा——पुरुष—-महिला—–कुलबैरसिया—-1553——2454——4007

भोपाल उत्तर—1207—-1346—-2553नरेला———-1740——–1733—-3473

दक्षिण-पश्चिम—1487—-1488—–2975भोपाल मध्य—-2000—–2011—–4011

गोविंदपुरा—–3365 ——-2322——5687हुजूर———2045———2338——–4383

डॉक्टर बोले–

बेहतर जीवनशैली, अच्छा भोजन और साफ हवा पानी ही व्यक्ति के लिए जरूरी है। इसका सीधा असर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। हर व्यक्ति को प्रयास करना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें। ये लंबी आयु के लिए जरूरी है।
-डॉ. राकेश श्रीवास्तव, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल

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