अब एक बार फिर से देश में कोरोना टैबलेट बन गई है। यह टैबलेट जल्द ही मार्केट में आएगी। हालांकि देश में कोकोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। राहत की बात यह है कि भारत में ज्यादातर आबादी को कोरोना वायरस संक्रमण रोधी वैक्सीन लग चुकी है।
अगर आपको कोरोना वैक्सीन लगवाने से डर लगता है तो आप कोरोना की टैबलेट खाकर भी कोरोना वायरस के संक्रमण से अपना बचाव कर सकते हैं। हालांकि यह टैबलेट अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है क्योंकि इसका पहले चरण का प्ररीक्षण हुआ है, जब अपना क्लिनिकल ट्रायल पर पूरी तरह से खरी उतरेगी उसके बाद ही इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। मध्य प्रदेश में स्वदेशी वैक्सीन को मंजूरी से पहले भोपाल में के निजी मेडिकल कॉलेज में क्लिनिकल ट्रायल हो चुका है।
जानकारी के अनुसार सेंट्रल लैब में परीक्षण में कोरोना टेबल की गुणवत्ता और क्षमता को जांचा परखा गया है। इस लेब में vx1gov2 टैबलेट ने पहले चरण को सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है। अब दूसरे चरण में क्लिनिकल ट्रायल शुरू होंगे। टैबलेट को बेंगलुरु की कंपनी ने अमेरिका से आयात किया है, इसके साल 2022 के अंत तक बाजार में आने की संभावना है। इस टैबलेट के खाने के कुछ दिनों में ही कोरोना मरीज स्वस्थ हो जाएगा और लोगों को कोरोना से छुटकारा मिल सकेगा।
इस टैबलेट की सबसे अच्छी बात यह है कि यह कोरोना पर प्रभावी है और इस टैबलेट के बाजार में आने के बाद कोरोना वैक्सीन से भी छुटकारा मिल सकेगा। यह शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी तेजी से बनाती है। हालांकि अभी इस टैबलेट को दो और परीक्षणों से गुजरना होगा, इसके बाद इस टैबलेट को बाजार में लाया जाएगा, इसके साथ ही टैबलेट के क्लिनिकल ट्रायल भी शुरू होने वाले हैं
टैबलेट के क्लिनिकल ट्रायल के बाद इसकी रिपोर्ट ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया के पास जमा की जाएगी। अगर सब कुछ सही रहा तो यह भारत की पहली कोरोना टोबलेट होगी। फिलहाल भारत में कोरोनावायरस वैक्सीन के रूप में कई टीकों को मंजूरी मिले हुई हैं इनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन, कोर्बेवैक्स, कोवोवैक्स वैक्सीन स्वदेशी वैक्सीन है और स्पुतनिक-वी, मोडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, जायकॉव डी, स्पुतनिक लाइट समेत अन्य विदेशी कोरोना वैक्सीन हैं जिनको डीसीजीआई ने मंजूरी दी है।
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