सुशासन संस्थान ने हाल ही में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन किया है। साथ ही एम्स भोपाल, एनआईआरईएच (आईसीएमआर) भोपाल और आईआईएसईआर भोपाल के साथ भी करार हुआ है। सुशासन संस्थान वैसे तो सरकारी योजनाओं पर काम करने के साथ योजनाओं के फीडबैक सहित अन्य प्रकार के अध्ययन करता रहता है। अब विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थाओं का साथ मिल जाने से यह काम और बेहतर तरीके से हो सकेगा। सुशासन संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी का कहना है कि प्रयास है कि प्रदेश के विकास की बेहतर योजनाएँ बनें। इन संस्थाओं का सहयोग मिलने का लाभ जरूर मिलेगा।
टीचिंग रिसर्च में भी मिलेगा सहयोग –
संस्थाओं के एक मंच पर आने से टीचिंग और रिसर्च वर्क में भी सहयोग मिलेगा। बेहतर प्रोफसरों की कमी दूर होगी। यदि किसी संस्थान ने किसी क्षेत्र में बेहतर रिसर्च किया है तो उसका उपयोग अन्य संस्थाओं को मिल सकेगा।