
Patrika Raid: साइबर ठगी का गढ़ बन चुके जामताड़ा पहुंची पत्रिका की टीम, यहां पूर्व साइबर ठगों से बात की, बातचीत में ऐसे खुलासे हुए कि कई चेहरे बेनकाब हो गए, अपराधों के विरुद्घ पत्रिका के अभियान से आप भी जुड़ें और ऐसे ठगों से रहें सावधान...
जामताड़ा से LIVE:
जामताड़ा जिला मुख्नयालय से 16 किलोमीटर दूर करमाटांड एलॉक पहुंचे। वहां से दो स्थानीय युवकों के साथ बाइक से झिलुआ गांव के लिए निकल पड़े। यह वही गांव है, जहां से साइबर ठगी की शुरुआत हुई थी। गांव की एंट्री में एक शख्नस पेड़ के नीचे मोबाइल लिए बैठा दिखा। अनजान चेहरा देखते ही उसने कॉल किया। आगे बढऩे पर गांव की गलियां सूनी मिलीं। दोनों तरफ आलीशान मकान।
मोबाइल निकाले और कॉल करने के बहाने फोटो क्लिक किए तो अचानक से दो घरों के बंद दरवाजे खुल गए। दो महिलाएं निकलीं और जोर-जोर से स्थानीय खोरठा भाषा में पूछने लगीं कि किसे खोज रहे हैं? तभी पत्रिका टीम के साथ मौजूद स्थानीय लोगों ने वहां से फौरन निकलने का इशारा किया। तभी हेलमेट पहने एक बाइक पर दो युवक निकले तो हम लोग भी उनके पीछे निकल लिए। यहां से जब शिकरपुसनी गांव पहुंचे तो वही हालात यहां भी नजर आए।
जामताड़ा में साइबर ठगी के मामलों पर जांच के लिए अलग से साइबर थाना है। इस वर्ष 2024 में अब तक जामताड़ा में 120 साइबर ठगों की गिरफ्तारी हुई है। इनसे 435 मोबाइल और 632 सिम कार्ड जकत हुए हैं। इस दौरान 11.70 लाख रुपए, 26 पैन कार्ड, 33 आधार कार्ड, 29 पासबुक, 14 चेकबुक, 2 लैपटॉप पुलिस को मिले हैं।
जामताड़ा में साइबर ठगी करने वाले एक ठग ने अब अपना ठिकाना बदल लिया है। वह अब दूसरा काम कर रहा है। पत्रिका टीम ने उससे ठगी के बारे में पूछा तो बोला… आपको सब पता है। मुझे एयों फंसाना चाहते हो। हालांकि बाद में उसने कई राज खोले। उसने बताया कि जामताड़ा में होने वाले साइबर ठगी की सभी फर्जी सिम बंगाल, ओडिशा और बिहार से सह्रश्वलाई होती हैं।
पत्रिका की टीम करमाटांड ब्लॉक के एक दर्जन गांवों में पहुंची। इनमें मोहनपुर, शिकरपुसनी, सियांटांड, कठियाटांड, झिलुआ, रामपुर, काला झरिया, भितरा नवाडीह, तारा बहार, मौलीडीह, दक्षिण बहार गांव शामिल हैं। हर गांव में बड़े-बड़े मकान नजर आ रहे थे लेकिन दरवाजे बंद और गहरा सन्नाटा था।
पत्रिका की टीम लगातार तीन दिनों तक जामताड़ा जिले के साइबर ठगी के गढ़ वाले इलाकों में घूमती रही। ठगी के गढ़ माने जाने वाले गांवों में आलीशान मकान हैं लेकिन पुलिस के खौफ से हर पांचवें घर में ताला लटकता मिला। पड़ताल के बाद पता चला कि साइबर ठगों ने पैसा खपाने के लिए एक से ज्यादा घर बनवा रखे हैं।
यहां पढ़ें पूरी कहानी: पत्रिका का बड़ा खुलासा, मध्य प्रदेश के सिम से देशभर में साइबर ठगी
Updated on:
27 Nov 2024 03:49 pm
Published on:
27 Nov 2024 08:19 am
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