भोपाल

कोरोना मरीजों को सादा इंजेक्शन लगाकर उनका रेमडेसिविर चुरा लाती थी नर्स, प्रेमी 20 से 30 हजार में कर देता था ब्लैक

जेके हॉस्पिटल में पदस्थ नर्स शालिनी वर्मा कोरोना के मरीजों लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के बजाय चुपके से सादा इंजेक्शन लगा देती थी। वहीं, रेमडेसिविर चुराकर उसे अपने प्रेमी के जरिए अस्पताल के ही मरीजों को ही 30 से 40 हजार रुपये तक में ब्लैक में बिकवा देती थी।

भोपालApr 24, 2021 / 08:16 am

Faiz

कोरोना मरीजों को सादा इंजेक्शन लगाकर उनका रेमडेसिविर चुरा लाती थी नर्स, प्रेमी 20 से 30 हजार में कर देता था ब्लैक

भोपाल/ एक तरफ तो मध्य प्रदेश के अन्य शहरों की तरह राजधानी भोपाल में जीवन रक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन का अकाल पड़ हुआ है। अकसर अस्पतालों में इंजेक्शन खत्म होने के चलते मरीजों की जान पर बन आई है। इंजेक्शन के इस अकाल का फायदा उठाया एक प्रेमी-प्रेमिका ने। दरअसल, भोपाल के जेके हॉस्पिटल में पदस्थ नर्स कोरोना के मरीजों लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के बजाय चुपके से कोई अन्य सादा इंजेक्शन लगा दिया करती थी और वहीं रेमडेसिविर चुराकर उसे अपने प्रेमी के जरिए अस्पताल के ही मरीजों को 30 से 40 हजार रुपये तक में ब्लैक में बिकवा देती थी।

 

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प्रेमी गिरफ्तार, प्रेमिका फरार

सूचना मिलने पर कोलार पुलिस ने घेराबंदी कर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते आरोपी को दबोचा और थाने लाकर पूछताछ की, तो माजरा जानकर पुलिस के भी होश उड़ गए। पुलिस के सामने प्रेम कहानी का घिनौना सच सामने आया। मामले में आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि गिरधर कॉम्प्लेक्स, दानिशकुंज निवासी झलकन सिंह की प्रेमिका शालिनी जेके अस्पताल में नर्स है। आरोपी प्रेमी को तो दबोचकर पूछताछ कर ली गई है। फिलहाल, आरोपी नर्स फरार है।


इस तरह देते थे वारदात को अंजाम

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि, अस्पताल में भर्ती मरीज लंबी लाइन में लगकर या किसी भी अन्य तरीके से खरीदकर जैसे तैसे रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदकर प्रेमिका नर्स को अपने मरीज को लगाने के लिये देते थे। नर्स चालाकी से आईसीयू में जाते समय रेमडेसिविर इंजेक्शन को उसके एप्रिन में रखे सामान्य इंजेक्शन से बदल देती थी और मरीज के पास पहुंचकर वही साद इंजेक्शन लगा देती थी। ऐसा करने के बाद वो बाहर आकर बचा हुआ असली रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी करने के लिये अपने प्रेमी को दे देती थी। प्रेमी के मुताबिक, वो मरीज से जैसा सौदा पट जाए 20 से लेकर 30 हजार रुपए तक में बेच देता था। आरोपी के मुताबिक, वो एक बार जेके के ही एक डॉक्टर शुभम पटेरिया को भी 13 हजार रुपए में इंजेक्शन बेच चुका है। इसका पैमेंट डॉक्टर ने ऑनलाइन किया था।


ऐसे हुआ मामले का खुलासा

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जेके अस्पताल में एडमिट एक मरीज के परिजन को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहा था। इसपर उन्हें नर्स द्वारा ही झलकन के बारे में जानकारी दी गई थी। लेकिन , आरोपी इंजेक्शन की जो कीमत परिजन से मांग रहा था, उतनी रकम उनके पास नहीं थी। आखिरकार परिजन और ब्लैकमेलर के बीच कीमत को लेकर खींचतान होती रही। इसी बीच उनके मरीज की मौत हो गई। इस बात से नाराज परिजन ने गोपनीय तरीके से इस कालाबाजारी की सूचना पुलिस को दी। यहीं से पुलिस ने आरोपी झलकन पर निगरानी रखनी शुरु कर दी।उसके जेब में इंजेक्शन रखा होने की पुख्ता जानकारी मिलते ही पुलिस ने उसे तत्काल घेराबंदी करके दबोच लिया।

 

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रासुका लगाई जाएगी, प्रेमिका फरार

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा 389, 269, 270 समेत अन्य धाराओं के तहत मामाला दर्ज किया गया है। मामले की अन्य आरोपी अस्पताल की नर्स शालिनी वर्मा की तलाश जारी है। मामले को लेकर भोपाल डीआईजी इरशाद वली का कहना है कि, जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। शहर भर में इसके लिए धरपकड़ जारी है। इंजेक्शन की कालाबाजारी में लिप्त सभी आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी

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