भोपाल

जोड़ों का दर्द हो जाएगा छूमंतर, जरूर आजमाएं आयुर्वेद का ये बेशकीमती नुस्खा

कसर लोगों को उम्र के साथ साथ जोड़ों में तकलीफ रहने लगती है। इसका एक कारण गठिया भी हो सकता है। जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए पीड़ित कई तरह के उपचार कराता है, लेकिन ज्यादातर नतीजों में वो विफल ही होता है। अंतः उसे जीवनभर इस समस्या की पीड़ा भोगनी पड़ती है।

भोपालOct 16, 2019 / 05:54 pm

Faiz

जोड़ों का दर्द हो जाएगा छूमंतर, जरूर आजमाएं आयुर्वेद का ये बेशकीमती नुस्खा

भोपाल/ जीवन की भागदौड़ में अकसर लोग अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पाते। हालांकि, एक उम्र तक तो कोई भी छोटी मोटी समस्या या बीमारी मायने नहीं रखती, लेकिन उम्र के एक पड़ाव पर पहुंचने के बाद छोटी छोटी समस्याएं भी बड़ी पीड़ा का कारण बन जाती है। इन्ही में एक है जोड़ों का दर्द। अकसर लोगों को उम्र के साथ साथ जोड़ों में तकलीफ रहने लगती है। इसका एक कारण गठिया भी हो सकता है। जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए पीड़ित कई तरह के उपचार कराता है, लेकिन ज्यादातर नतीजों में वो विफल ही होता है। अंतः उसे जीवनभर इस समस्या की पीड़ा भोगनी पड़ती है। ऐसे में आयुर्वेद द्वारा प्रमाणित औषधीय गुणों से भरपूर अरण्डी आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।

 

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इन गुणों से भरपूर होता है अरण्डी

पांच चौड़ी फांक वाले इसके पत्ते लाल और सफेद दो रंगों के होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, ये अरण्डी हमारे शरीर के अंदरुनी और बाहरी दोनों तरह से उपयोगी होता है। अरण्डी के बीज हों या पत्ते, जड़ हो या ऑयल सभी कई रोगों के उपचार में सहायक होते हैं। इनमें एंटीइंफ्लेमेट्री, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल व एंटीफंगल तत्त्व पाए जाते हैं। ये कई प्राकृतिक तत्त्वों से भी युक्त है जिस कारण ये स्किन और बालों को स्वस्थ रखने के काम आता है।

 

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अरण्डी के फायदे

जोड़ों व मांसपेशियों में होने वाले दर्द, सूजन को दूर करने में अरण्डी बेहद लाभकारी साबित होती है। इसके अतिरिक्त छोटे बच्चों के शरीर की मालिश के लिए भी इसका इसके तेल का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, ये रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। शुष्क स्किन पर नमी लाने के साथ यह निखार भी लाता है। इसका नियमित इस्तेमाल हर तरह के संक्रमण से बचाए रखने में मददगार होता है। अरण्डी के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंट-एजिंग और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। ये स्किन को मॉश्चराइज करता है और उसमें निखार लाता है। इससे मसाज करने से शरीर के अंदर रक्त प्रवाह अच्छा हो जाता है। साथ ही, चेहरा जवां और खिला-खिला नजर आने लगता है।

 

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इस तरह करें इस्तेमाल

आमतौर पर अरण्डी के तेल का इस्तेमाल में किया जाता है। इसके लिए इसे अकेले या फिर अन्य जड़ी-बूटी या औषधि के साथ इस्तेमाल करते हैं। साथ ही, स्किन पर बाहरी रूप से इसके पत्ते को पीसकर लेप की तरह लगा सकते हैं। इसके बीजों को भी डॉक्टर की सलाह से लिया जा सकता है।

 

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इस बात का रखें खास ध्यान

सीमित मात्रा से अधिक इस्तेमाल पेट को कमजोर और मसल्स को निर्बल करता है। इसके अधिक इस्तेमाल से आपको एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए अरण्डीके इस्तेमाल से पहले स्किन टैस्ट ज़रूर कराएं। साथ ही चिकित्सक से परामर्श भी करें।

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