पढ़ें ये खास खबर- पेट्रोल डीजल के दामों में आया उछाल, जानिए क्या है आपके शहर के रेट
नए नियम से होगा ये फायदा
बता दें कि, इस अधिनियम के माध्यम से सूबे में निवेश करने वालों का रुझान बढ़ेगा। साथ ही, विभागों में भी तय समय में कार्य पूरा करने की प्रतिबद्धता बढ़ेगी। अधिनियम के मसौदे को मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती की अध्यक्षता वाली वरिष्ठ सचिव समिति से हरी झंडी मिल गई है। अंतिम रूप रेखा देने के लिए इस अध्यादेश को कैबिनेट में रखकर प्रभावी किया जाएगा। इसके बाद इस अधिनियम को प्रदेश की ओद्योगिक व्यवस्था के लिए लागू किया जाएगा।
पढ़ें ये खास खबर- ‘सीवियर कोल्ड डे’ की चपेट में प्रदेश के ये जिले, 0 डिग्री पहुंचेगा पारा
तेलंगाना से मिला निवेश रुझान का सुझाव
प्रदेश की ओर उद्योगों के बिगड़े आकर्षण को देखते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने सीएम कमलनाथ को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा था कि, प्रदेश में व्यापार और उद्योग की तरफ लोगों में आकर्षण की कमी का बड़ा कारण यहां दी जाने वाली विभिन्न् प्रकार की अनुमतियां लेने और उनके लिए अलग अलग ऑफिसों के चक्कर काटने है। इस समस्या का निराकरण तेलंगाना सरकार द्वारा किया गया है। तेलंगाना के कानून के तहत प्रदेश में उद्योग जमाने से पहले एक स्थान से सभी परमीशनें दी जाती है, जो सरल भी है। कमलनाथ को सुझाव ठीक भी लगा, जिसके बाद उन्होंने उद्योग विभाग को तेलंगाना सरकार द्वारा बनाए उद्योग कानून का अध्ययन करके प्रदेश की व्यवस्थओं के अनुसार अनुकूल नियम बनाने के निर्देश दिए थे। बता दें कि, तेलंगाना मॉडल पर ओद्योगिक व्यवस्था इससे पहले राजस्थान सरकार भी लागू कर चुकी है।
पढ़ें ये खास खबर- क्या आप भी हैं सर्दियों में त्वचा फटने की समस्या से परेशान? ये कारगर टिप्स आएंगे आपके काम
उद्योग ना बढ़ने का सामने आया कारण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मैग्नीफिसेंट एमपी के बाद उद्योगों में मध्यप्रदेश को लेकर बने निवेश के माहौल को देखते हुए सरकार का खास फोकस उन कारणों पर है, जिसकी वजह से वे पिछली सरकार के समय निवेशक प्रदेश में निवेश करने से पीछे हट गए थे। जांच में उद्योग विभाग ने माना था कि , प्रदेश में उद्योग ना खुलने का बड़ा कारण अनुमतियां मिलने में लेटलतीफी और लाल फीता शाही थी। जबकि, तेलंगाना में जिला और राज्य स्तर पर अनुमतियां देने के लिए समितियां बनाई गई हैं। साथ ही, राजस्थान में एक ही विभाग में सभी तरह की अनुमतियां देने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यही कारण है कि, इन राज्यों में उद्योगों में बढ़ोतरी हुई है।
पढ़ें ये खास खबर- नया नियम : बंदूक साथ में रखना है तो पहले करना होगी ‘गौ सेवा’
इस तरह रहेगी व्यवस्था
सीएम के निर्देश के बाद उद्योग विभाग ने इसपर तत्काल अध्यन किया, साथ ही नियम के अनुसार व्यवस्थाओं को सनिश्चित किया। विभाग द्वारा तैयार किये गए प्रोफार्मा के तहत अब उद्योगों के लिए जमीन से लेकर अन्य सुविधाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ये आवेदन संबंधित विभाग के पास पहुंचेगा, जिसे सुनिश्चित समयसीमा में निपटाना होगा। इसमें संबंधित आवेदनों की मियाद भी तय कर ली गई है। जिसके तहत, जमीन आवंटन के लिए 59 दिन, भवन निर्माण मंजूरी 30 दिन, जलापूर्ति आवंटन 15 दिन, फैक्टरी लाइसेंस की मंजूरी 30 दिन, उद्योग रजिस्ट्रेशन को मंजूरी 30 दिन और नेट मीटरिंग एंड ग्रिड कनेक्शन रूफ टॉप के लिए 30 दिन के भीतर आवेदन के निराकरण की समय सीमा तय की जा सकती है।