हालांकि कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के टवीट का जवाब उसी दिन शाम को चार टवीट कर दे दिया। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के कर्जमाफी के सवाल पर दो दिन बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा उन्हें अपना वादा याद है और जनता को अपने नेता पर पूरा भरोसा है।
सिंधिया ने कहा था कि दो लाख का कर्ज माफ करने का वादा किया गया था, जो अबतक नहीं हुआ।
इस पर कमलनाथ ने कहा है कि अगले चरण में यह वादा पूरा होगा। कमलनाथ ने कहा कि पहले चरण में किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफ किया गया है। अगले चरण में सरकार किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने जा रही है।
मैं मानता हूं कि दो लाख तक की कर्जमाफी का वादा किया गया था और सरकार को अपना वादा याद है। जनता को उनके नेता पर पूरा भरोसा है। मालूम हो कि कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों की कर्जमाफी को लेकर भिंड में अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ होना चाहिए।
लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया गया है। केवल 50 हजार रुपये का कर्ज माफ किया गया है जबकि हमने कहा था कि दो लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा।
वहीं, उनसे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह भी कमलनाथ सरकार की इस योजना पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने किसानों की पूरी तरह से कर्जमाफी न होने पर राहुल गांधी को जनता से माफी मांगने तक के लिए कह दिया था। सिंह ने कहा था कि राहुल गांधी को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि कर्जमाफी में कितना समय लगेगा।
इससे किसानों के बीच अच्छा संदेश जाएगा।
इससे पहले गोरक्षा पर मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सलाह के बाद सियासत गरमा गई। दिग्विजय ने सीएम कमलनाथ को सच्चा गोभक्त बनने की सलाह दी तो कमलनाथ ने भी गोरक्षा के लिए किये गए सरकार के प्रयास गिना दिए।
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को पूर्व सीएम दिग्विजय ने भोपाल-इंदौर हाईवे पर सड़क दुर्घटना में गायों की मौत को लेकर सलाह दी थी कि सरकार को तत्काल गायों को सड़कों से हटाकर गोशालाओं में भेजना चाहिए।
उन्होंने तत्काल ऐसा करके सीएम कमलनाथ को सच्चा गोभक्त बनने की बात कह डाली थी। दिग्विजय की इस सलाह के बाद सीएम कमलनाथ ने सरकार के काम गिना दिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मुझे गायों की चिंता है।
गायों की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं और 1000 गोशालाओं का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। बाद में सियासत गरमाने लगी तो सीएम ने कहा कि उन्होंने सरकार के काम और नीति बताने का कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।