पढ़ें ये खास खबर- कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम पीएम मोदी का खास संबोधन, जानिए 5 जरूरी बातें
शुरु से ही बीजेपी सिर्फ सरकार गिराने की रणनीति बनाती रही- कमलनाथ
कमलनाथ ने 11 दिसंबर 2018 का जिक्र करते हुए कहा कि, ये वो दिन था, जब प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पर विश्वास करते हुए उसे प्रेश में सबसे अधिक सीटें जिताकर सत्ता की कमान सौंपने का फैसला लिया। हालांकि, ये बात बीजेपी को जरा भी हजम नहीं हुई। उसने उसी दिन से प्रदेश की सत्ता में आई सरकार को गिराने की रणनीति बनानी शुरु कर दी। बीच बीच में उनके विधायक, नेता सरकार गिराने की बात कहते नजर भी आए। कमलनाथ ने कहा कि, इससे ये स्पष्ट था कि, उनका ध्यान विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाए सिर्फ प्रदेश में जनता द्वारा चुनी गई सरकार को गिराने की रणनीति बनाने पर था।
पढ़ें ये खास खबर- फैलाई जा रही हैं कोरोना वायरस से बचाव की ये सावधानियां, हैं एकदम झूठ, आप भी न करें यकीन
भाजपा पर लगाए डॉर्स ट्रेडिंग के आरोप
सरकार से बागी हुए 22 विधायकों का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि, इसी रणनीति के तहत उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को करोड़ों रुपयों का प्रलोभन देकर सरकार के खिलाफ कर लिया। इसी बीच कमलनाथ ने ये भी कहा कि, लेकिन बुरी ताकतों को ये समझ लेना चाहिए कि, आज के बाद कल भी आना है और कल के बाद परसों भी आना है और इससे आश्वस्त रहिए कि, जनता के हित के लिए परसों आएगा। कमलानाथ ने अपने 15 महीनों की सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि, इस सरकार पर अब तक किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। ना ही मेरे सांसद कार्यकाल के दौरान मेरे ऊपर ऐसे कोई आरोप लगे। पर हमने पिछली सरकार पर भृष्टाचार से जुड़े कई मामले देखे। कई आरोपों की आंच तो सीएम की कुर्सी तक आई।
पढ़ें ये खास खबर- कोरोना वायरस अलर्ट : ट्रेनों के बाद अब बसों के संचालन पर भी रोक, यातायात प्रभावित
शिवराज होंगे विधायक दल के नेता
फिलहाल, कमलनाथ के इस्तीफे के बाद ये तो तय है किप्रदेश सरकार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने में असमर्थ है। कमलनाथ की प्रेस कांन्फ्रेंस के तुरंत बाद ही बीजेपी की और से ये ऐलान हो गया कि, शिवराज सिंह चौहान विधायक दल के नेता होंगे। यानी बहुमत सिद्ध करने के बाद शिवराज प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। बता दें कि, गुरुवार को शिवराज सिंह चौहान द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बहुमत सिद्ध करने को लेकर ही याचिका लगाई गई थी, जिसपर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को आज शाम पांच बजे तक बहुमत सिद्ध करने का आदेश दिया था।