जूतों और चप्पलों से पीटते हैं….
किन्नर समाज की पूरी दुनिया ही अलग होती है। उनके रहन-सहन से लेकर अंतिम संस्कार तक सबकुछ अलग ही होता है। यही वजह है कि जब किन्नर समाज में किसी की मृत्यु होती है तो सबसे पहले उसकी आत्मा का आजाद करने की प्रक्रिया की जाती है। इसके लिए दिवंगत के शव को सफेद कपड़े में लपेट दिया जाता है। साथ ही ख्याल रखा जाता है कि शव पर कुछ भी बंधा हुआ न हो। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि दिवंगत की आत्मा आजाद हो सके। वहीं कुछ लोगों के द्वारा कहा जाता है कि किन्नरों की मौत के बाद किन्नर समाज के लोग उस शव को जूतों और चप्पलों से पीटते हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है जानिए यहां पर……
जानिए क्या है सच्चाई
राजधानी भोपाल के मंगलवारा-बुधवारा क्षेत्र में रहने वाली किन्नर गुरु सुरैया ने मीडिया को बताया कि किन्नरों की मौत के बाद शव को जूतों और चप्पलों से पीटा नहीं जाता है। शव को आखिरी समय में वैसे ही ले जाया जाता है जैसे एक आम आदमी को ले जाया जाता है। उन्होंने ये भी बताया कि किन्नरों को न तो जलाया जाता है और न ही दफनाया जाता है, उन्हें समाधि दी जाती है। ये सब सिर्फ फिल्मों में दिखाया जाता है कि किन्नरों को चप्पल-जूतों से मारा जाता है। ऐसा कुछ भी नहीं होता है। किन्नर समाज के गुरुओं के द्वारा पूरे सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी जाती है।