पढ़ें ये खास खबर- 20 से ज़्यादा जिलों में है बारिश का अलर्ट, ओलावृष्टि के साथ चलेगी तेज़ हवाएं
शिवराज भी लगाने वाले हैं स्पेशल टेक्स
बता दें कि, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडू ने शराब पर सामान्य टेक्स के साथ साथ स्पेशल कोरोना टेक्स भी लगा दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पत्रिका से खास बातचीत में शराब पर स्पेशल टेक्स लगाने के संकेत दिये हैं। उन्होंने कहा कि, हमने इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा की है। अतिरिक्त राजस्व के लिए शराब पर कोरोना टैक्स लगाया जाएगा। क्योंकि सभी सरकारें कोरोना से जूझ रही हैं और सभी की तरह ही मध्य प्रदेश सरकार का भी खजाना खाली है।उन्होंने कहा था कि, हम गंभीरता से टैक्स लगाने पर चर्चा कर रहे हैं। जल्द ही हम इसकी मदद से राजस्व बढ़ाएंगे, ताकिगरीबों और जनहित के कामों को आगे बढ़ाया जा सके।
पढ़ें ये खास खबर- Corona Breaking : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 3614, अब तक 215 ने गवाई जान
जरूरत से अधिक शराब भी खरीद रहे हैं कुछ लोग
यानी साफ है कि, इन राज्यों में अन्य राज्यों के मुकाबले शराब महंगी ही होगी। ऐसे में कई लोग अन्य राज्यों से शराब खरीदी कर महंगी शराब मिलने वाले राज्यों में बेचने की तैयारी कर रहे हैं। अब तक ऐसे मामले भी सामने आए हैं कि, कई लोग एक औसत जरूरत से कई ज्यादा शराब की खरीदी कर रहे हैं। हालांकि, ज्यादा शराब खरीदना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन इसकी तस्करी करना गैर-कानूनी है।
पढ़ें ये खास खबर- महाराष्ट्र से पैदल चले थे उत्तर प्रदेश के 3 मजदूर, घर पहुंचने से पहले रास्ते में हुई मौत, हड़कप
तस्करी की वजह और उसपर सजा
ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि, एक राज्य में शराब सस्ती है तो दूसरे राज्य में महंगी। लॉकडाउन में ही दिल्ली सरकार ने शराब की एमआरपी पर 70 फीसदी ‘स्पेशल कोरोना टैक्स’ लगा दिया। वहीं, अन्य राज्य ने भी 25 से 30 प्रतिशत टैक्स है। अगर कोई शराब तस्करी करते हुए पकड़ा जाता है तो आबकारी अधिनियम की धारा 60 (क) के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज होगा। इस धारा के तहत जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है। इसके अलावा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अब घर लौट सकेंगे बाहरी राज्यों में फंसे लोग, सरकार ने जारी किया नया E- Pass सिस्टम
[typography_font:14pt;” >13500 करोड़ है इस बार का लक्ष्य
गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते मध्य प्रदेश सरकार को 1800 करोड़ रुपए के राजस्व की हानि हुई है। इसकी रिकवरी सरकार सालभर में भी नहीं कर पाएगी। जबकि राज्य सरकार का 2020 का लक्ष्य 13500 करोड़ रुपए है। इसलिए सरकार ने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद शराब दुकानों को खोलने का निर्णय लिया। उसकी मंशा है कि वो इससे राजस्व वसूली कर कोरोना से लड़ाई के लिए राजस्व जुटा सके। गौरतलब है कि प्रदेश में 2544 देसी और 1061 विदेशी शराब की दुकानें हैं। यह दुकानें 25 मार्च से बंद थीं, जिनमें से ग्रीन और ऑरेंज जोन में आने वाली दुकानों को 5 मई से खोला गया है।