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भोपाल

कर्ज में डूबे मध्यप्रदेश की आर्थिक सेहत सुधरेगी, केंद्र की पॉलिसी से मिलेगा बूस्टर डोज

केंद्र ने किया राज्यों के लिए 75 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान

भोपालFeb 03, 2024 / 07:49 am

Manish Gite

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राज्य का बजट तैयार करने में माथापच्ची कर रही प्रदेश सरकार को केंद्रीय बूस्टर मिलेगा। केंद्र से उसे और आर्थिक मदद मिलेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश किए गए बजट में राज्यों के लिए 75 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान है। केंद्र की इस पॉलिसी से राज्यों को बूस्टर मिलेगा। इससे कर्ज में डूबे मध्यप्रदेश की आर्थिक सेहत भी सुधरेगी। प्रदेश की खराब आर्थिक सेहत के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं है। राज्य के खजाने की हालत खस्ताहाल है। राज्य का बजट 3.14 लाख करोड़ है। कर्ज 3.31 लाख करोड़ तक जा पहुंचा है। यानी बजट से ज्यादा कर्ज है। इसके बावजूद भी राज्य सरकार लगातार कर्ज ले रही है।

 

सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर

 

राज्य में कर्ज और बढऩे की आशंका है। हालांकि राज्य सरकार कर्ज को गलत नहीं मानती। राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा कहते हैं, विकास कार्य होंगे तो कर्ज भी लिया जाएगा। वित्तीय स्थिति बेहतर है। हमारी कर्ज चुकाने की स्थिति है। कर्ज ले रहे हैं तो इसे समय पर चुका भी रहे हैं।

 

अभी मिलेंगे 6519 करोड़, अगले वित्तीय वर्ष में 95753 करोड़

राज्य सरकार को चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6,519 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। यह राशि केंद्रीय करों के हिस्से की है। वर्ष 2024-25 में 95,753 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार इसी अनुमान के आधार पर बजट बना रही है।

प्रयास यह भी है कि केंद्रीय योजनाओं की और अधिक राशि राज्य को मिल सके, ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन और तेजी से हो सके। बिना ब्याज का कर्ज केंद्र ने एक लाख करोड़ रुपए का कोष स्थापित करने की बात कही है। कोष से राज्य सरकारों को विभिन्न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए बिना ब्याज कर्ज?मिलेगा। यह रकम 50 वर्ष के लिए होगी। कर्ज में डूबे राज्यों के लिए यह बड़ी राहत है।

 

 

चालू वित्तीय वर्ष में कब-कब लिया कर्ज

24 जनवरी २५०० करोड़ रुपए 16 साल के लिए
27 दिसंबर 2000 करोड़ रुपए 16 साल के लिए
28 नवंबर 2000 करोड़ रुपए 14 साल के लिए
31 अक्टूबर 2000 करोड़ रुपए 14 साल के लिए
25 अक्टूबर 1000 करोड़ रुपए 11 साल के लिए
3 अक्टूबर 1000 करोड़ रुपए 15 साल के लिए
26 सितंबर 2000 करोड़ रुपए 6 साल के लिए
12 सितंबर 1000 करोड़ रुपए 16 साल के लिए
14 जून 4000 करोड़ 11 साल के लिए
30 मई 2000 करोड़ रुपए 10 साल के लिए

ऐसी है खजाने की स्थिति

20081.92 करोड़ रुपए बाजार कर्ज

6624.44 करोड़ वित्तीय संस्थाओं से कर्ज

52617.91 करोड़ रुपए कर्ज व केंद्र से अग्रिम

18472.62 करोड़ रुपए अन्य देनदारियां

3849.01 राष्ट्रीय बचत कोष को विशेष सुरक्षा निधि

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