विजय नगर कॉलोनी में रहने वाले शिक्षक दिनेश राजपूत ने बताया कि कॉलोनियों में हर घर में ट्यूबवेल हैं। घरों से निकलने वाला गंदा पानी हर घर के बाहर भरा हुआ है या नालियों में ही सड़ रहा है। यदि यह गंदा पानी रिसकर ट्यूबवेल तक पहुंचने लगा, तो आधा दर्जन कॉलोनी में दूषित पानी पीने से बीमारी फैल सकती है, जिसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है।
खुद करनी पड़ती है सडक़ और नाली की सफाई
विजय नगर व आसपास की दो-तीन कॉलोनी में लोगों को खुद घरों के सामने की नालियां साफ करना पड़ता है। विजय नगर के रहवासी करीब पांच साल से कॉलोनी को वैध कर विकास कार्य कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
विजय नगर और अन्य दो कॉलोनियों के ले आउट बना लिए हैं। कॉलोनी के लोगों से विकास शुल्क लेना बाकी है। कॉलोनी को वैध करने के लिए डीडी ऑफिस से भी मार्गदर्शन मांगा है। तीन कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई चल रही है।
– सतीश मालवीय, सीएमओ
घरों से निकलने वाला गंदा पानी खाली प्लॉटों में भर रहा है। निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने से खुद नालियां साफ करनी पड़ती है। नप को कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई करना चाहिए, ताकि जनता को लाभ मिल सके।
योगेश सेन, रहवासी,विजय नगर
छह माह में नहीं हो पाई वैध होने की कार्रवाई
विजय नगर कॉलोनी के हालात गांव से भी बदतर हैं। यहां सडक़, नाली, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। सात माह पहले नगर परिषद सीएमओ सतीश मालवीय, अध्यक्ष हरप्रीत कौर ने विजय नगर के मंदिर पर कार्यक्रम कर जल्द कॉलोनी वैध करने की बात कही थी और विकास कार्य कराने का वादा किया था, लेकिन सात माह में वैध होने की कार्रवाई नहीं हो पाई है। कॉलोनी वैध नहीं होने के कारण नगर परिषद यहां विकास कार्य भी नहीं करा पा रही है।