भोपाल की करेंगे ब्रांडिंग
भोपाल शहर की ब्रांडिग करेंगे। साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर भोपाल जिले की सीमाओं के पुर्ननिधारण की योजना है। भोपाल विकास योजना यानी मास्टर प्लान को पुररीक्षित करके लागू करेंगे। भोपाल विजन डॉक्यूमेंट २०१९ की तरह मिलियन प्लस आबादी को विश्व स्तरीय सुविधा देंगे।
दलितों, आदिवासियों के प्रेरक पुरुषों का सम्मान
ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले स्मारक का निर्माण और इन दोनों महापुरुषों की मूर्तियों की स्थापना करेंगे। यहां बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की विशाल मानवता की मूर्ति स्थापित करेंगे। जबकि, आदिवासियों को लुभाने के लिए भोपाल में मप्र आदिवासी भवन बनाने का वादा किया गया है। इसके साथ ही घुमक्कड़, अद्र्ध घुमक्कड़ और विमुक्ति जातियों को खुश करने केे लिए राजधानी में घुमन्तु भवन बनाने की घोषणा की गयी है।
शहर में बनाएंगे
आइटी हब
बेंगलुरु की तर्ज पर राजधानी भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक एंड टेक्नालॉजी एवं आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस हब बनाने की बात की गयी है। भोपाल के अलावा, ग्वालियर, इंदौर अैर जबलपुर में भी आईटी पार्क विकसित करने का वादा किया गया है। हालांकि, चार बड़े शहरों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
परीक्षाओं की तैयारी के लिए एजुकेशन हब
प्रदेश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। सबसे अधिक बेरोजगार भोपाल शहर में हैं। जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसके भोपाल में कोटा, राजस्थान की तरह प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए एजुकेशन हब बनाने का वादा किया गया है। शहर में हॉस्टल, लाइब्रेरी और समाज के कमजोर वर्गों के लिए प्रशिक्षण की आवासीय सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
खेल प्रशिक्षण के लिए अकादमी
भोपाल वाटर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में देश में तेजी से उभरता हुआ नाम है। तैराकी और कियाकिंग में यहां से कई प्रतिभाएं उभर कर सामने आई हैं। कांग्रेस ने भोपाल में आधुनिक तैराकी अकादमी का सपना दिखाया है। अभी बड़ा तालाब में केनो सलालम, कयाकिंग और केनोइंग के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। हालांकि इनका स्तर बहुत अच्छा नहीं है।
भोपाल को बनाएंगे लॉजिस्टिक सिटी
औद्योगिक प्रगति में वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक की भूमिका महत्वपूण है। मंडीदीप प्रदेश का बड़ा औद्योगिक केंद्र है। सीहोर से बड़ी मात्रा में गेहूं का निर्यात होता है। ऐसे में भोपाल को मेगा लॉजिस्टिक सिटी बनाने की पहल होती है तो इसका बड़ा फायदा मिलेगा। इसके साथ ही भोपाल में परिधान कॉम्पलेक्स बनाने की बात की गयी है। इससे तैयार वस्त्रों के उत्पादन को नयी दिशा मिलेगी।