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सिविल जज जूनियर डिवीजन की मुख्य परीक्षा 30 और 31 मार्च को आयोजित की गई है। इसमें शारीरिक रूप से दिव्यांगों को आरक्षण नहीं दिया गया जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता सभी दिव्यांगों को राहत दी। कोर्ट ने 100 से ज्यादा दिव्यांगों अलग मेरिट लिस्ट बनाकर उन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ के साथ जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने यह फैसला सुनाया। युगलपीठ ने प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम अंक प्राप्त करने वाले सभी ऐसे अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया है।
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इस संबंध में हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया गया था कि सिविल जज जूनियर डिवीजन (प्रवेश स्तर) परीक्षा 2022 में दिव्यांगों के लिए कोई श्रेणी तय नहीं की गयी है। उन्हें सामान्य और अनारक्षित श्रेणी में ही रखा गया है जबकि ऐसे अभ्यर्थियों को प्रारंभिक चरण में भी आरक्षण का प्रावधान है।
मुख्य परीक्षा 30 और 31 मार्च को – इस पर युगलपीठ ने याचिकाकर्ता सभी दिव्यांगों को राहत प्रदान करते हुए मुख्य परीक्षा में शामिल करने को कहा। मुख्य परीक्षा 30 और 31 मार्च को आयोजित की गई है।