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भोपाल

चित्रकूट की हार के बाद ये हैं भाजपा की नई रणनीति, वहीं कांग्रेसी दिग्गजों ने संभाले अपने गढ़

हार से चिंतित भाजपा ने टीम बदलकर तय की नई जिम्मेदारी, लेकिन यशोधरा को किया खुद के क्षेत्र से ही दूर।

भोपालNov 15, 2017 / 11:54 am

दीपेश तिवारी

political party offices
भोपाल। चित्रकूट की बड़ी हार ने भाजपा को भीतर तक हिला दिया है। मुंगावली-कोलारस विधानसभा उप चुनाव में नई टीम लगाए जाने की तैयारी है। नई रणनीति के तहत चित्रकूट में लगी टीम को वहां नहीं भेजा जाएगा। संगठन व मंत्रियों की ड्यूटी में भी बदलाव हो रहा है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के एक दिन बाद ही उप चुनाव संबंधी रणनीति में बदलाव के संकेत मिले हैं। मुंगावली की जिम्मेदारी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद भदौरिया को मिल सकती है। मंत्रियों में नरोत्तम मिश्र, भूपेंद्र सिंह, जयभान सिंह पवैया व पारस जैन सरकार की ओर से कमान संभालेंगे। कोलारस दूसरे उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा के जिम्मे होगा।
मंत्रियों में उमाशंकर गुप्ता, लाल सिंह आर्य, विश्वास सारंग, रुस्तम सिंह रहेंगे। प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा व आशुतोष तिवारी इस अंचल से होने के बाद भी चुनाव अभियान से दूर रखे गए हैं।

साफ है कि चित्रकूट की टीम को पार्टी इन दो निर्वाचन क्षेत्रों में दोहराना नहीं चाहती।
गौर करने वाली बात है कि भाजपा कोलारस से अभियान का आगाज भाजपा उपचुनाव को लेकर अपने अभियान का आगाज कोलारस से करने जा रही है। 16 नवंबर को प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, क्षेत्र प्रभारी रामेश्वर शर्मा के अलावा चारों मंत्री कोलारस पहुंचेंगे और बैठक कर चुनावी तैयारी पर चर्चा करेंगे। क्षेत्र के लिहाज से रणनीति भी इसी बैठक में बनेगी।
सिंधिया से मुकाबला…
इस पूरे चुनाव अभियान से मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को दूर रखा गया है। जबकि, वे शिवपुरी जिले का ही प्रतिनिधित्व करती हैं। इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। पार्टी का मुकाबला उनके भतीजे व पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से ही होना है।
सिंधिया ग्वालियर-चंबल, कमलनाथ महाकौशल, अरुण निमाड़, अजय विंध्य, भूरिया को मालवा –
राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर मंगलवार को प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया। यहां हुए मंथन में नेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में पूरी ताकत से जुट जाने को कहा गया। इसके लिए पूरे प्रदेश को छह जोन में बांटा गया।
इन्हें मिली जिम्मेदारी:
पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ और विवेक तन्खा को महाकौशल, ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर-चंबल, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को विंध्य, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को निमाड़, कांतिलाल भूरिया को मालवा, सुरेश पचौरी और दिग्विजय सिंह को नर्मदांचल की जिम्मेदारी देने पर विचार हुआ। यह प्रारंभिक चर्चा के आधार पर नाम तय होना बताया गया है। बावरिया ने बैठक में नेताओं से विधानसभा चुनाव की रूपरेखा के लिए सुझाव मांगे। चुनाव के लिए मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
चित्रकूट की तरह एकता दिखे: बावरिया
बावरिया ने कहा, चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव की तरह कोलारस और मुंगावली में भी पार्टी नेताओं में एकता नजर आए। यहां भी सभी चुनाव प्रचार में जाएंगे। मालूम हो यहां उप चुनाव होना है। विधानसभा चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है। बैठक में कमलनाथ, सिंधिया, अजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
हारी हुई सीटों पर फोकस
बैठक में तय किया गया कि हारी हुई सीटों पर अधिक ध्यान दिया जाए। इसके लिए नेताओं की जिम्मेदारी तय होगी। विधानसभावार उम्मीदवार समय से तय हो जाएं, उम्मीदवार जिताउ हो।
प्रदेश के नेताओं के साथ यह पहली बैठक है। बैठक में मुद्दों और प्लानिंग पर चर्चा हुई। अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे है। जल्द ही मध्यप्रदेश आकर भी नेताओं से चर्चा करुंगा।
– दीपक बावरिया, मध्यप्रदेश कांगे्रस प्रभारी

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