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आज है लीप ईयर Leap Year 2020 : कारण, नियम व हम पर असर

अब यह दिनांक चार साल बाद ही यानी 2024 में आएगी…

भोपालFeb 29, 2020 / 12:09 pm

दीपेश तिवारी

आज है लीप ईयर Leap Year 2020 : कारण, नियम व हम पर असर

आज है लीप ईयर Leap Year 2020 : कारण, नियम व हम पर असर

भोपाल। लीप ईयर leap year यानि ऐसा साल जिसमें 366 दिन हों, इस साल में फरवरी 29 दिन की हो जाती है। जबकि अन्य सालों में यह दिन 365 रह जाते हैं और फरवरी 28 दिन की। कभी आपने सोचा है कि लीप ईयर Leap Year में यानि जिस किसी का जन्म 29 फरवरी को आता है। वो अपनी 100 साल की उम्र में केवल 25 साल ही जन्मदिन मना पाता है। कारण ये है कि ये लीप ईयर Leap Year यानि 29 फरवरी हर चौथे साल में ही आती है।

इस साल यानि 2020 भी लीप ईयर Leap Year 2020 है और आज 29 फरवरी का ही दिन है। यह काफी खास दिन भी है क्‍योंकि अब यह दिनांक चार साल बाद ही यानी 2024 में आएगी।

कुल मिलाकर सामान्यत: यानि लगातार 3 साल तक फरवरी जो 28 दिन की होती है, वह इस लीप ईयर Leap Year में यानि चौथे साल 29 दिनों की हो जाती है। इसे लीप ईयर Leap Year कहते हैं।

क्या आप जानते हैं कि यह लीप इयर Leap Year क्‍या ओर क्‍यों होता है, साथ ही इसका हमारी जिंदगी पर क्‍या असर पड़ता है, यदि नहीं तो यहां हम आपको इन सभी बातों के कारणों के बारे में बता रहे हैं।

ऐसे समझें लीप ईयर…
सामान्‍य रूप से साल में 365 दिन होते हैं, लेकिन लीप ईयर Leap Year में एक दिन अतिरिक्‍त होता है, जिसके चलते यह साल 366 दिन का हो जाता है। यह हर चार साल में एक बार आता है। फरवरी में वैसे तो 28 दिन होते हैं लेकिन लीप ईयर Leap Year में 29 दिन होते हैं। यह साल लीप ईयर है। इस बार फरवरी 29 दिनों की होगी।

ये है इसका कारण…
दरअसल पृथ्‍वी अपनी धुरी पर सूर्य का एक पूरा चक्‍कर 365 दिन और 6 घंटे में लगाती है। ऐसे में हर साल 6 घंटे का अतिरिक्‍त समय होता जाता है, जिसे दर्ज नहीं किया जा पाता इसके चलते तीन साल तक 6 घंटे अतिरिक्त प्रति साल के चलते ये 18 घंटे हो जाते हैं, वहीं चौथे साल के 6 घंटे और आने पर यह 24 घंटे हो जाते हैं।

चुंकि एक दिन 24 घंटे का होता है, अत: इस अतिरिक्त समय को जोड़ने के लिए एक अतिरिक्त दिन कलैंडर में जोड़ दिया जाता है, जो लीप इयर या फरवरी की 29 तारीख Leap Year के रूप में हमारे सामने आता है। इस गणना से हम हर साल के अतिरिकत 6 घंटों का संतुलन बना लेते हैं।

ऐसे पहचानें लीप ईयर Leap Year का, जानें ये नियम…
लीप ईयर के बारें में कैसे पता चलता है, ये एक ऐसा सवाल है जो हर किसी के मन में कभी न कभी कौंधता ही है।
इस संबंध में आपको बता देें कि किसी भी साल को लीप ईयर होने के लिए दो नियम / कंडीशन्स है।

1. पहला यह कि उस वर्ष विशेष को चार की संख्‍या से भाग यानि डिवाइड दिया जा सकता हो।
जैसे 2004, 2008, 2012, 2016 और अब 2020 भी इसी क्रम में शामिल है, जहां 4 से इसे डिवाइड किया जा सकता है।
2. दूसरी बात यह कि अगर कोई वर्ष 100 की संख्‍या से डिवाइड हो जाए तो वह लीप ईयर नहीं है, लेकिन अगर वही वर्ष पूरी तरह से 4 की संख्‍या से विभाजित हो जाता है तो वह लीप ईयर कहलाएगा।

ऐसे समझें : 1300 की संख्‍या 100 से तो विभाजित हो जाती है लेकिन यह 4 से विभाजित नहीं हो सकती है।
: इसी तरह 2000 को 100 से डिवाइड किया जा सकता है लेकिन यह 4 से भी पूरी तरह डिवाइड हो जाता है, इसलिए यह लीप इयर कहलाएगा।

लीप ईयर Leap Year : जिंदगी पर असर…
ऐसे में ये बात भी उठना साधारण है कि गणितीय व खगोलीय गणना का हमारे जीवन से क्‍या लेना देना है। माना हर किसी की जिंदगी से इसका अत्यधिक बहुत जुड़ाव नहीं होता, लेकिन ये भी सोचें कि जिन लोगों का जन्‍म 29 फरवरी को आता है, वे अपना वास्‍तविक जन्‍मदिन 4 साल में ही एक बार मना पाते हैं।

हालांकि सांकेतिक रूप से किसी अन्य दिन यानि 28 फरवरी को या 1 मार्च को अपना जन्‍मदिन मना लेते हैं, लेकिन सरकारी कागजों में, कानूनी दस्‍तावेजों में तो यह 29 फरवरी ही आधिकारिक तिथि के रूप में दर्ज होती है।
इसमें सबसे खास बात ये होती है कि 29 फरवरी को जन्‍मा व्‍यक्ति अपना वास्‍तविक 25वां जन्‍मदिन पूरे 100 साल के होने पर ही मना पाता है।

वहीं यदि हर किसी से इस साल के जुड़ाव की बात कि जाए, तो उसके अनुसार सामान्यत: हर साल 28 फरवरी तक काम करके पूरे महीने का वेतन लेने वाले कर्मचारियों को इस महीने एक दिन अतिरिक्‍त काम करना होता है। हालांकि यहां 30 और 31 दिनों के महीनों की तुलना में फिर भी एक दिन कम ही होता है।

लीप ईयर Leap Year : ऐसे समझें फटाफट…
– हर साल के अतिरिक्त 6 घंटों से ही इस नए साल के एक अतिरिक्त दिन का जन्म होता है।

– चार साल में एक बार आने वाले विशेष वर्ष को लीप इयर कहा जाता है।

– लीप ईयर Leap Year में साल के 366 दिन होते हैं। यह पिछले 3 वर्षों के मुकाबले एक दिन ज्‍यादा बड़ा होता है।
– पृथ्‍वी सूर्य का चक्‍कर 365 दिन 6 घंटे में पूरा करती है। ये 6 एक्‍स्‍ट्रा घंटे 4 बार मिलाकर 24 घंटे, यानी एक दिन होते हैं। इसे ही लीप ईयर में जोड़ा जाता है।

– लीप ईयर केवल फरवरी से ही पहचाना जाता है। इसमें फरवरी 29 दिनों की होती है जो सामान्‍य रूप से 28 दिनों की होती है।

– इसकी गणना खगोलीय घटनाक्रम के आधार पर होती है।

– 29 फरवरी को जन्‍मे लोग अपना वास्‍तविक जन्‍मदिन 4 साल में एक बार मना पाते हैं।

– इस दिन पैदा हुए लोगों को 25 साल पूरे करने के लिए सौ कलैंडर वर्ष जीने जरूरी है।

– ऐसे समझें कि इस सदी के पहले लीप ईयर यानि 2000 में जो व्‍यक्ति जन्‍मा होगा, वह इस साल अपना चौथा जन्‍मदिन मनाएगा। यानी कहने को वह 20 साल का युवा होगा, लेकिन उसकी उम्र महज 4 वर्ष ही आंकी जाएगी।

इस सदी में आने वाले ये होंगे अगले लीप ईयर Leap Year …
साल 2024, साल 2028, साल 2032, साल 2036, साल 2040, साल 2044, साल 2048, साल 2052, साल 2056, साल 2060, साल 2064, साल 2068, साल 2072, साल 2076, साल 2080, साल 2084, साल 2088, साल 2092, साल 2096, साल 3000
लीप ईयर Leap Year में जन्‍मे : भारत के खास लोग…

1. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई
29 फरवरी 1896 को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत मोरारजी देसाई लीप ईयर में जन्‍मे थे। वे जनता पार्टी की सरकार में वर्ष 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री रहे। खास बात है कि वे लीप ईयर Leap Year में जन्‍मे मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बनने वाले भी वे चौथे ही व्‍यक्ति थे।
2. प्रसिद्ध नृत्‍यांगना रुक्‍मिणी देवी अरुंदाले
भारत एक प्रसिद्ध नृत्‍यांगना रुक्‍मिणी देवी भी लीप ईयर Leap Year में यानि 29 फरवरी 1904 को मदुरै में जन्मीं थीं। वे भारतीय इतिहास की पहली महिला थीं जिन्हें राज्यसभा का सदस्य नामित किया गया था। इसके अलावा उन्‍होंने कलाक्षेत्र नामक संस्‍था की स्‍थापना की थी। वे भरतनाट्यम की शास्त्रीय नृत्‍यांगना और प्रशिक्षक थीं। पशु अधिकारों और कल्याण के लिए भी वे बतौर एक्टिविस्‍ट काम करती थीं।
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