वहीं, राज्य महिला आयोग ने बयान को अनुचित नहीं माना है। अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि आइटम मतलब वस्तु या सामान होता है। इसे आमतौर पर सभी इस्तेमाल करते हैं। संसद में भी इसका उपयोग होता है। मुख्यमंत्री को महिलाओं के सम्मान की इतनी चिंता होती तो प्रदेश महिला अपराधों में अव्वल नहीं होता।
अध्यक्षों की राजनीतिक प्रष्ठभूमि
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा की पृष्ठभूमि भाजपा से जुड़ी हुई है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ओझा महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही हैं।
उपकृत करने के लिए होती हैं नियुक्तियां
संविधान विशेषज्ञ भगवानदेव इसराणी के अनुसार केंद्र हो या राज्य सरकार महिला आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था में भी राजनीतिक लोगों की नियुक्ति करती है। सरकारों के लिए ये राजनीतिक लोगों को उपकृत करने का जरिया है। यही कारण है कि इनकी राय राजनीति से प्रेरित होती है।
बड़ा सवाल…फिर किस काम के हैं ये आयोग?
आयोग को महिलाओं की बेहतरी के लिए कानूनी अधिकार मिले हैं, पर इस तरह के एक ही मामले में राज्य और केंद्र के आयोगों के अलग-अलग मत कई सवाल खड़े करते हैं। ज्यादातर मामलों में सिर्फ नोटिस भर से काम हो जाता है। घटना के बीतने के बाद कुछ नहीं होता। फिर किस काम के हैं ये आयोग…?
ये है मामला
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार की महिला बाल विकास मंत्री और डबरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी इमरती देवी को ‘आइटम’ कहा है। भाजपा द्वारा कमलनाथ और कांग्रेस को आड़े हाथों लिये जाने का मामला अभी थमा भी नही है कि, इमरती देवी के समर्थन में अब बसपा सुप्रीमो मायावती भी उतर आई हैं। उन्होंने न सिर्फ कमलनाथ के रवैय्ये को निंदनीय बताया बल्कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की है कि, वो कमलनाथ से माफी मंगवाएं।