इसके लिए मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग और मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की संयुक्त टीम मिलकर स्कूली बच्चों के बस्तों के वजन पर नजर रखेगी। इस टीम में कुल चार सदस्य शामिल होंगे, जो प्रदेश के सरकारी और निजी यानी दोनों स्कूलों के छात्रों के बैग पर नज़र रखेंगे। बाल आयोग के सदस्य स्कूलों का औचक निरीक्षण भी करेंगे। इस दौरान बच्चों के बैग्स का वजन समय समय पर चैक किया जाता रहेगा।
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किस क्लास के बच्चे के बैग का कितना वजन ?
आपको बता दें कि, 1 अक्टूबर से प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में प्रभावी होने वाली नई स्कूल बैग पॉलिसी के अनुसार, क्लास 1 से लेकर 5वीं क्लास तक के बच्चों के बैग का वजन 1.6 किलो से 2.5 किलोग्राम के बीच होना अनिवार्य होगा। प्री-प्राइमरी क्लास के बच्चों को स्कूल बैग ही नहीं रहेगा। वहीं, कक्षा छठवीं से लेकर नौवीं कक्षा तक के बच्चों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4 किलो के बीच रखना अनिवार्य होगा। वहीं, कक्षा 10वीं के छात्रों के बैग का वजन 2.5 किलो से लेकर 4.5 किलो के बीच रखना होगा।
पांचवीं क्लास वाले बच्चों के बैग का वजन 17 किलो से ज्यादा
दरअसल, मध्य प्रदेश में बीते कुछ वर्षों से स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने की मांग विशेषज्ञों के साथ साथ पैरेंट्स भी उठा रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्कूल बैग पॉलिसी 2019 को रद्द कर अब स्कूल बैग पॉलिसी 2020 जारी की है। नई पॉलिसी के अनुसार होमवर्क का तनाव छोटे बच्चों को नहीं दिया जाएगा। सरकार बिना किताब के शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मिसाल के तौर पर कंप्यूटर शिक्षा, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की क्लास बिना किताब के लगेगी। सीबीएसई और एमपी बोर्ड में बच्चों के वजन से 4 गुना ज्यादा भारी स्कूल का बैग है। सीबीएसई की चौथी क्लास के बैग का वजन 9 किलो पाया गया है। पांचवीं क्लास वाले बच्चों के बैग का वजन 17 किलो से ज्यादा रहता है।
स्कूल बैग पॉलिसी के मापदंड
-पहली कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
-दूसरी कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
-तीसरी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
-चैथी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
-पांचवीं कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
-छठवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
-सातवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
-आठवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
-नौवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
-दसवीं कक्षा- 2.5-4.5 किग्रा