एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल देश में कुल 98,860 लोगों को अपहरण से बचाया गया। इनमें 13.7 फीसदी लोग प्रेम संबंधी कारणों की वजह से किडनैप हुए थे। वहीं, शादी के लिए 23.7 फीसदी लोग घर से भागे। प्रेम प्रसंग का ये मामला बाद में अपहरण के रूप में दर्ज हुआ। इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा रही। अपहृतों की उम्र भी 18 साल से कम रही।
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छोटे शहरों और कस्बों में घटनाएं ज्यादा
अपहरण के ज्यादातर मामले छोटे शहरों, कस्बों और गांवों के दर्ज हुए हैं। गांवों से किडनेप लोगों में 14.4 फीसदी मामले प्रेम-प्रसंग के थे। जबकि, बड़े शहरों में ऐसे 9.4 फीसदी मामले दर्ज हुए हैं।
जबरन शादी के डर से भागे
पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, कई युवा अपने मां-बाप के डर से घर से भाग जाते हैं। इनमें से कुछ का कारण जबरदस्ती शादी तो कुछ का कारण प्रेम प्रसंग था। निंदा, दुव्यवहार, धमकी और घर में कैद होने की वजह से घर छोड़ दिया। कुछ लड़कियां शादी से पहले गर्भवती हो जाती हैं, इसलिए घर से भाग जाती हैं।
ज्यादातर मामले लड़कियों के
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, अपहरण के 80-90 फीसदी मामले महिला ‘पीडि़तों’ की ओर से दर्ज हुए। इनमें आधे से ज्यादा मामले 18 साल से कम उम्र की ओर से दर्ज हुए। अपहरण की शिकार महिलाओं में 16-18 साल की उम्र की हिस्सेदारी एक तिहाई रही।
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क्या कहते हैं NCRB 2021 के आंकड़े
अपहरण के पांच 5 कारण
-अपहरण मान लिया- 45.8 फीसदी
-शादी के लिए-23.7 फीसदी
-प्रेम-संबंध-13.7 फीसदी
-घर से भाग गए-8.8 फीसदी
-पारिवारिक विवाद-3.4 फीसदी
मध्य प्रदेश में अपहृत बच्चे
-लड़कियां-7565
-लड़के-2016
-कुल – 9581
मध्य प्रदेश में वयस्क किडनैप
-महिलाएं-291
-पुरूष-111
-कुल-402
मध्य प्रदेश में कुल अपहरण की संख्या
-महिलाएं-7856
-पुरूष-2127
-कुल-9983
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