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ये होगा फायदा
मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम सलमान के मुताबिक, कुछ ही दिनों में कमेटी का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाएगा, जिसके ज़रिये निकाह का आवेदन, काजी की जानकारी, निकाह प्रक्रिया में लगने वाला शुल्क अॉनलाइन ही अदा किया जा सकेगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेज अौर फोटो स्केन करने पर निकाह कौन पढ़ाएगा, इसकी जानकारी भी ऑनलाइन ही उपलब्ध होगी। अगर उसे निकाह का प्रमाण पत्र अंग्रेजी, हिंदी या उर्दू भाषा में चाहिए तो वो भी ऑनलाइन ही दिया जाएगा। यानी आगामी समय में इन चीजों के कारण कजियात के चक्कर लगाने से बचा जा सकेगा।
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इन चीजों की भी जानकारी होगी ऑनलाइन
आवेदक कही भी रहकर आवेदन ऑनलाइन आवेदन दे सकता है। इसके अलावा संबंदित जानकारी हासिल कर सकता है। सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के लिए संस्था 1920 से लेकर अब तक पूरा रिकॉर्ड कम्प्यूटरीकृत करने में जुट गई है। वहीं, निकाह-तलाक संख्या अौर तलाक देने की प्रक्रिया भी इसके जरिए लोगों को मालूम हो सकेगी। ताकि, लोगों के मन में तलाक को लेकर बनी भ्रांतियां को दूर किया जा सकेगा। इसके अलावा, किसी व्यक्ति को किसी संबंध में फतवा भी ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगा। सलमान के मुताबिक, कमेटी की ओर से जारी की जाने वाली वेबसाइड को मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथों लॉन्च कराया जा सकेगा। सीएम से समय तय होते ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा।
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मसाजिद कमेटी का 100 साल पुराना रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन
मसाजिद कमेटी की वेबसाइट लॉन्च होने के बाद भोपाल शहर की मस्जिदों के 100 साल पुराने रिकॉर्ड उसके इतिहास की जानकारी होगी। इसमें बताया जाएगा कि, शहर में किस कालखंड में कौनसे शहर काजी अौर शहर मुफ्ती की सेवाएं रहीं। साथ ही, किस मस्जिद में कौन से इमाम-मुअज्जिन की सेवाएं ली जा रही है, यह भी पता चल जाएगा। कमेटी के सचिव एसएम सलमान के मुताबिक, वेबसाइट पर कमेटी से संबंधित भोपाल के अलावा सीहोर अौर रायसेन की करीब 350 मस्जिदों का ब्योरा भी उपलब्ध रहेगा। ताजुल मसाजिद, मोती मस्जिद जैसी प्रमुख मस्जिदों की तस्वीरों से अाप उनकी भव्यता को समझ सकेंगे। बता दें कि, इस व्यवस्था को लागू करने से खासतौर पर उन लोगों को लाभ होगा, जो शहर या देश से बाहर रहते हैं और उन्हें भोपाल, सीहोर अौर रायसेन जिले के नागरिकों को अपने पूर्वजों या खुद के निकाह का संबंधित सर्टिफिकेट चाहिए तो वो निर्धारित राशि अदा करके हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे।