नूरजहां की खेती के विशेषज्ञ इशाक मंसूरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि इस बार अनुकूल मौसमी हालात के चलते नूरजहां के पेड़ों पर खूब बौर आए और अच्छी फसल हुई है। मौसम की मेहरबानी की वजह से इस बार आम का वजन 2.75 किलोग्राम गया है। वहीं, पिछले तीन सालों से इस आम का औसत वजन 2.50 किलोग्राम ही रहा है।
मौसम की मार की वजह से कई वर्षों से नूरजहां आम कम फल रहे थे। इस वजह से इसके स्वाद के शौकीनों को भी नूरजहां नहीं मिल रही थी। साथ ही इसके उगाने वाले लोग भी मायूस थे। लेकिन इस बार फसल अच्छी है तो खाने और खेती करने वाले लोग भी खुश हैं। यहीं वजह है कि नूरजहां के दीवानों ने अभी से बुकिंग शुरू कर दी है।
इशाक मंसूरी ने बताया कि नूरजहां का केवल एक फल 700-800 से रुपये में बिक रहा है। वहीं, जिन आमों का वजन ज्यादा है, उसके लिए लोग 1200 रुपये तक चुका रहे हैं। इसके साथ ही इशाक मंसूरी ने कहा कि पड़ोसी राज्य गुजरात के अहमदाबाद, वापी, नवसारी और बड़ौदा के कुछ शौकीनों ने नूरजहां के फलों की सीमित संख्या के कारण इनकी एडवांस बुकिंग तब ही करा ली, जब ये फल छोटे थे और डाल पर लटकर पक रहे थे।
नूरजहां आम के पेड़ों पर जनवरी महीने में ही बौर आने शुरू हो जाते हैं। वहीं, इसके फल जून के आखिर तक पककर तैयार होते हैं। इनकी गुठली का वजन भी सौ से दो सौ ग्राम तक होता है। कभी नूरजहां आम का औसत वजन साढ़े तीन से चार किलो तक होता था।
वहीं, लगातार मौसम में परिवर्तन की वजह से नूरजहां आम की प्रजाति पर खतरा है। जानकारों का मानना है कि लगातार मानसूनी बारिश में देरी, कम वर्षा, अतिवर्षा और आबो-हवा में बदलाव की वजह से नूरजहां के फलों का वजन घट रहा है। इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन की वजह से इसकी प्रजाति पर भी खतरा है।