प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने के लिए जनसुनवाई प्रस्तावित है. विद्युत नियामक आयोग द्वारा सन 2022-23 के टैरिफ निर्धारण के लिए आम उपभोक्ताओं से आपत्तियां सुझाव मांगे गए हैं. 21 जनवरी तक आमंत्रित इन शिकायतों, सुझावों आदि पर 8, 10 फरवरी को सुनवाई की जानी है. इस संबंध में आयोग द्वारा कोर्ट में एक केविएट याचिका भी दायर कर दी गई है ताकि किसी कानूनी रोक से बचा जा सके.
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दरअसल प्रदेश में बिजली पहले से ही महंगी है. इसलिए दर बढ़ाने का व्यापक विरोध सुनिश्चित है. खासतौर पर किसान महंगी बिजली का विरोध कर रहे हैं. बिजली नियामक आयोग को आशंका है कि बिजली दर बढ़ाने के खिलाफ किसान या किसान संगठन कोर्ट में जा सकते हैं इसलिए केविएट दायर करने का निर्णय लिया गया है.