भोपाल

दिग्विजय-उमंग के घमासान पर सिंधिया क्यों हैं खामोश, रणनीति या मजबूरी?

ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरे मसले पर खमोश क्यों हैं।

भोपालSep 04, 2019 / 12:36 pm

Pawan Tiwari

भोपाल. मध्यप्रदेश कांग्रेस में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है। कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। इन आरोप के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें तलब भी किया है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है, लेकिन इन सबके बीच पार्टी के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया इस पूरे मसले से अंजान हैं।
सिंधिया ने कहा हमें जानकारी नहीं
मंगलवार को पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे। यहां मीडिया को उन्होंने संबोधित किया, लेकिन जब उनसे उमंग सिंघार द्वारा दिग्विजय सिंह के दिए गए बयान के बारे में पूछा गया तो सिंधिया ने कहा- मुझे उमंग सिंघार के बयान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि प्रदेश कांग्रेस और सरकार के मंत्री के बीच मचे सियासी घमासान के बारे में ज्योतिरादित्य सिंधिया सच में नहीं जानते हैं या फिर वो इस मसले में कुछ भी कहने से बचते नजर आना चाहते हैं। ये सिंधिया की राजनीतिक रणनीति है या फिर इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया का मजबूरी कही जा सकती है?
सिंधिया खेमा खामोश
उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर पर्दे के पीछे से सरकार चलाने के साथ-साथ प्रदेश में रेत और शराब का कारोबार कराने का आरोप लगया। इस पूरे मसले में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खेमे के मंत्रियों की प्रतिक्रियाएं आईं लेकिन सिंधिया खेमे के किसी मंत्री ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। यहां तक की सीएम ने इस मसले पर उमंग सिंघार को तलब किया और उमंग सिंघार को कई हिदायतें भी दीं लेकिन खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में होते हुए खामोश हैं।
रणनीति या मजबूरी
जानकारों के अनुसार, उमंग सिंघार किसी भी खेमे के नहीं हैं। लेकिन दिग्विजय सिंह के विरोधी जरूर कहे जाते हैं। उमंग सिंघार की बुआ और प्रदेश की पूर्व डिप्टी सीएम जमुना देवी के रिश्ते में दिग्विजय सिंह के साथ सही नहीं थे। दोनों के रिश्तों में तल्खियां थीं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के रिश्तों को लेकर भी कई बार तल्खियों की खबरें सामने आई हैं। ऐसे में जब उमंग सिंघार ने दिग्विजय के खिलाफ मोर्चा खोला तो सिंधिया खेमा खमोश हो गया है।
सिंधिया खेमा इन सारी बातों के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के मांग कर रहा है। सिंधिया के पास फिलहाल मध्यप्रदेश में कोई बड़ा पद नहीं है और उनके समर्थक उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सिंधिया इस मसले खमोश रहना चाहते हैं।
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