इन्हीं गड़बड़ियों के चलते मरीज के इलाज में देरी होने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। मंगलवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसमें एक परिवार के चार सदस्यों की रिपोर्ट पहले तो देर से आई। मैसेज और रिपोर्ट के अंतर से अब पूरा परिवार दुविधा में है।
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रिपोर्ट का लंबा इंतजार
टेस्ट करने के बाद लोगों को कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है। अरोड़ा परिवार ने बीते बुधवार को आरटीपीसीआर का सैंपल जांच के लिए दिया था। इनके मोबाइल नंबर पर बुधवार सुबह से डिटेल पोर्टल पर दर्ज नहीं हुई थी। अभी तक आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नहीं आई है। केंद्रों से सैंपल देर से लैब पहुंच रहे। इसी वजह से जांच रिपोर्ट में देरी हो रही है।
मोबाइल व अन्य जानकारी गलत देते हैं
सीएमएचओ भोपाल डॉ. प्राकर तिवारी टेस्ट की संख्या बहुत बढ़ गई है। लैब में टेस्ट पेंडिंग में चल रही हैं। इसलिए रिपोर्ट देर से आती है। वहीं कई बार टेस्ट सैंपल लेने में गड़बड़ी होती है तो कई बार मरीज मोबाइल और अन्य जानकारी गलत देते हैं। इससे गड़बड़ी होती हैं।