जवाब: साइबर अपराधों में सबसे अधिक ओटीपी, बैंक फ्रॉड के मामले हैं।
कोई बैंक या नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थान पिन नम्बर, पासवर्ड, ओटीपी मांग ही नहीं सकता। ऐसी जानकारी किसी को न दें। बैंक फ्रॉड, जॉब फ्रॉड या आईटी एक्ट के तहत अपराध करने वालों से निपटने पर्याप्त संसाधन हैं।
जवाब: ठगी करने वाले अनाधिकृत फिशिंग वेबसाइट बनाकर जानकारियां हासिल कर लेते हैं और बाद में ठग लेते हैं। अधिकृत वेबसाइट पर गड़बड़ी की गुजांइश कम रहती है। ज्यादा लुभावने जॉब के ऑफर देख सचेत हो जाएं और उसकी पड़ताल करें। अपनी पर्सनल जानकारी न दें।
जवाब: अधिकृत सर्विस प्रोवाइडर से ही सर्विस लें। यदि अधिकृत सर्विस प्रोवाइडर की वेबसाइट से गड़बड़ी होगी तो जल्दी पकड़ी जाएगी। अनाधिकृत सर्विस प्रोवाइडर्स के पते जंगल या इधर-उधर स्थानों के फर्जी पते होते हैं।
जवाब: सॉफ्टवेयर के जरिए फर्जीवाड़ा कर बिजली का बिल भरने और जानकारी हासिल करने वाले गिरोह का साइबर पुलिस ने भंडाफोड कर चार अपराधियों को पकड़ा। इंटरनेशनल कॉल सेंटर चलाने वाले गिरोह का भी पर्दाफाश किया है। इसके सिवा कई अन्य मामले भी सुलझाए गए हैं।
जवाब: साइबर पुलिस ने शेवॉय कॉम्पलेक्स स्थित एसबीआइ एटीएम में स्कीमर लगाकर जानकारी हासिल करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। स्कीमर आदि चाइना से ऑनलाइन मंगाए जाने की बात का पता चला है।