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भोपाल

Climate Effect: अभी नहीं जागे तो कब जाएंगे, अब रेन सेंसिटिव नहीं रहा भोपाल

राजधानी में मौसम का मिजाज पहले कभी इतना खराब नहीं हुआ, जितना पिछले आधे दशक में। इससे हर कोई चिंतित है।

भोपालJul 19, 2019 / 12:41 pm

Manish Gite

climate effect bhopal

Climate Effect: अभी नहीं जागे तो कब जाएंगे, अब रेन सेंसिटिव नहीं रहा भोपाल

 

एसके नायक, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक

बंगाल की खाड़ी में बनने वाले कम दवाब के क्षेत्र ने प्रदेश से गुजरते हुए बड़े हिस्से में अच्छी बारिश की, लेकिन शहर में अधिकांश दिन बूंदा-बांदी ही हुई। यह तो हम सभी जानते हैं कि पेड़ बादलों को आकर्षित करते हैं, इसलिए जहां ज्यादा वन होते हैं, वहां बारिश अच्छी होती है। प्रदेश में वनों की अधिकता वाले बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा जैसे कई शहर रेन सेंसिटिव एरिया में आते हैं। इसका मतलब हुआ कि जहां बादल आए और बारिश करके ही जाते हैं। मानसून में बनने वाले सिस्टम के अलावा लोकल क्लाउड से भी पेड़ों वाली जगह को अच्छी बारिश मिल जाती है, क्योंकि वातावरण की नमी इसमें बड़ा कारक होती है। राजधानी में ऐसा नहीं हो पा रहा है, तो इसका कारण वन क्षेत्र का कम होना है।

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पिछले दिनों आस-पास अच्छी बरसात होती रही, लेकिन शहर में फुहारें ही पड़ती रहीं। इसका कारण लगातार पेड़ों की कटाई और कॉन्क्रीट के जंगल के अलावा कुछ और नजर नहीं आता। यहां बादल तो आए लेकिन बरसे नहीं, इस तरह की स्थिति पहले नहीं बनती थी। अपने नौनिहालों का भविष्य उज्ज्वल देखना चाहते हैं तो तत्काल पौधे रोपना और उन्हें पेड़ बनाना ही एकमात्र विकल्प रह गया है। अभी नहीं तो कभी नहीं…याद रखना।

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