भाई बने 79 वर्षीय प्रेमनारायण और 80 वर्षीय साधना एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते हैं। आज स्थिति ये है कि साधना को भाई मिल गया है, अब हक से उसे अपनी परेशानी बताती है। एक बार जब साधना बीमार पड़ गईं तो उन्होंने उनका पूरा ध्यान रखा।
राखी बंधवाकर गिफ्ट में सुनाते हैं गाना
78 साल की अंजलि श्रीवास्तव को 12 साल पहले परिवार ने दर-दर की ठोकर खाने छोड़ दिया। किसी तरह वे कोलार स्थित अपना घर आश्रम में पहुंची। यहां आकर वे अपनों को तो याद करतीं थीं, लेकिन रक्षाबंधन पर भाई को अवश्य याद करती थीं। लेकिन यहां रह रहे सुधीर ने भाई बनकर उनकी कमी पूरी की। सुधीर हर साल अंजलि से राखी बंधवाते हैं और गिफ्ट में गाना सुनाते हैं।
एक परिवार के रूप में मनाते हैं त्योहार: शहर के अलग-अलग वृद्धाश्रम में 150 से भी अधिक बुजुर्ग रह रहे हैं। जहां बहनें अपने भाइयों का इंतजार करती रहती थीं। लेकिन वहां रह रहे सताए हुए लोगों ने भाई बनकर उनका दुख दूर किया है। सभी लोग त्योहार को एक परिवार के रूप में मनाते हैं।