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अब पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं : लगेगी रासुका, 10 साल जेल और 10 लाख जुर्माना भी

नए नियमों के तहत पेपर लीक करने की पुष्टि होने के बाद संबंधित आरोपी के खिलाफ अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी।

भोपालMay 25, 2023 / 07:28 am

Faiz

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अब पेपर लीक करने वालों की खैर नहीं : लगेगी रासुका, 10 साल जेल और 10 लाख जुर्माना भी

इस बार यानी साल 2023-24 के सत्र में बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र की गोपनीयता भंग करने वालों पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की और से सख्त और त्वरित कार्रवाई करने के लिए कानून में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है। नए नियमों के तहत पेपर लीक करने की पुष्टि होने के बाद संबंधित आरोपी के खिलाफ अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के मुताबिक पेपर लीख के आरोपी की 6 माह तक तो जमानत नहीं हो सकेगी। साथ ही, 10 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।


आपको बता दें कि, इस कड़े कानून पर फैसला हालही में आयोजित माशिमं कार्यपालिका समिति की बैठक में लिया गया है। अब मंडल इसपर विस्तृत प्रस्ताव तैयार करा रहा है। जानकारों की मानें तो जुलाई माह तक इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे। जानकारी ये भी है कि, इसपर आदेश 25 जुलाई के बाद जारी हो जाएंगे। रासुका के साथ ही गोपनीयता भंग करने वालों के खिलाफ जांच का समय भी निर्धारित होगा, ताकि संबंधित आरोपी के खिलाफ बर्खास्तगी या अन्य उचित कारर्वाई भी तत्काल की जा सके।

 

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मौजूदा कानून से आरोपी को मिल जाती है ढील

ऐसे में बात करें मौजूदा कानून की तो फिलहाल, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के प्रश्न-पत्र लीक करने और गोपनीयता भंग करने वाले के खिलाफ मध्य प्रदेश मान्यता परीक्षा अधिनियम-1937 की धारा 14 के प्रावधान के अनुसार 3 साल की सजा का प्रावधान है। खास बात ये है कि, इस नियम के अनुसार त्वरित कार्रवाई नहीं होती और तत्काल जमानत भी मिल जाती है। ऐसे में दोषी बचने में सफल हो जाता है। इसी के चलते मंडल की कार्यपालिका समिति ने कानून में बदलाव करने का फैसला लिया है।


अब यूपीएससी की तर्ज पर होगी प्रश्न-पत्र की सुरक्षा

बात करें 2022-23 के शेक्षणिक सत्र की तो इसमें 10वीं और 12वीं परीक्षा के पेपर कुल 13 बार लीक होने के मामले टेलीग्राम या अन्य माध्यमों पर सामने आए हैं। मीडिया द्वारा जब इस मामले पर लगातार जोर दिया गया तो माशिमं ने भी कानून में बड़े बदलाव करने का फैसला लिया। आरोपियों के खिलाफ रासुका लगाने के अलावा बोर्ड ने परीक्षा से पहले पेपर पुलिस थाने की बजाय यूपीएससी की तर्ज पर बैंकों के साथ साथ ट्रेजरी में रखने का प्रस्ताव तैयार किया।

 

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प्रस्ताव में इन बिंदुओं को लाया गया

पेपर लीक के मामलों पर रोक लगाने के लिए माशिमं द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव में 10 अहम बिंदुओं पर जदोर दिया गया है। इनमें अब परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। साथ ही, थाने से प्रश्न-पत्र स्मार्ट लॉक बॉक्स (डिजिटल बॉक्स) में रखकर केंद्र तक लाने की बात कही गई है, परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने, ऑब्जेक्टिव प्रश्नों की संख्या का अनुपात 40 फीसदी के बजाए मात्र 10 फीसदी रखते हुए लघु उत्तर वाले व्यवहारिक और ज्ञान परख प्रश्नों की संख्या में बढ़ाने, जिस केंद्र पर पेपर लीक हुआ, उसकी मान्यता निरस्त करने का प्रस्ताव रखा गया है।


कंट्रोल रूम नहीं अब सीधे एग्जाम हॉल में खुलेंगे पेपर

बैठक के दौरान ये भी तय किया गया कि, अब प्रश्न-पत्रों को कंट्रोल रूम में नहीं खोला जाए, बल्कि सीधे एग्जाम हॉल में ही इन्हें खोला जाए। इसके लिए केंद्र पर कक्षवार छात्रों की बैठक व्यवस्था की संख्या निर्धारित कर प्रश्न-पत्रों के पैकेट्स बनाए जाएं। यानी, हर कक्ष में छात्रों की संख्या 20 या 30 या 40 के हिसाब से सुनिश्चित की जाएगी। इस हिसाब से संबंधित पैकेट में कुल उतने ही प्रश्न-पत्र होंगे।

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