20 जुलाई से शुरू होने वाली विधानसभा के मानसून सत्र में यह बजट 21 जुलाई को पेश किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है।
मध्यप्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि 20 जुलाई से प्रारंभ होने वाले सत्र के दौरान अध्यक्ष का चुनाव और बजट संबंधी कार्य पूरे किए जाएंगे।
डा. मिश्रा के मुताबिक 20 जुलाई को पहले दिन सदन के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। अगले दिन अध्यक्ष का चुनाव होगा। पांच दिवसीय सत्र के दौरान वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करने और पारित करने संबंधी कार्यवाही भी होगी।
मिश्रा ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि कांग्रेस नेताओं के संबंध में कहा गया है कि वे भाजपा की चिंता करने की बजाय अपनी पार्टी को संभालें। उनकी पार्टी टूटती जा रही है और इल्जाम हमारे ऊपर लगा रहे हैं। अपनी पार्टी को संभालें, वरना अगली बारिश में ये दीवारें भी ढह जाएंगी।
उन्होंने नेपाल के प्रधानमंत्री के भगवान श्रीराम के संबंध में कथित बयान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि श्रीराम हमारी आस्था के केंद्र हैं। हमारे आराध्य हैं। हम नेपाल के प्रधानमंत्री के विचार उंगली उठाकर धर्म को बहस का विषय बनाने के पक्ष में नहीं हैं।
कोरोना के चलते टल रहा था सत्र
इससे पहले शिवराज कैबिनेट का विस्तार और मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद पहला बजट पेश होगा। इससे पहले कोरोनाकाल के कारण भी बजट सत्र को टाला जा रहा था। मध्यप्रदेश की प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर इस बजट के लिए मंजूरी ले ली गई है। पांच दिवसीय मानसून-बजट सत्र में पहले दिन श्रद्धांजलि के बाद विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सत्र की कार्यवाही शुरू करेंगे। दूसरे दिन 21 जुलाई को बजट पेश कर दिया जाएगा। इससे पहले कैबिनेट की बैठक भी होगी।
इससे पहले नए वित्तीय वर्ष में खर्च चलाने के लिए राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से अध्यादेश के जरिए राज्य शासन को करीबन एक लाख 66 करोड़ 74 लाख 81 हजार रुपए के लेखानुदान की अनुमति दी गई थी।
यह भी है खास
-सरकार की ओर से वर्ष 2019-20 के बजट पुनरीक्षण के साथ मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश होना है।
-यह तय है कि कोरोना संकट का असर बजट पर भी पड़ेगा। यहां इस बार बजट का आकार घट सकता है, वहीं विभागों के बजट प्रावधानों में भी बड़े पैमाने पर खर्चों में कटौती की जा सकती है।
-माना जा रहा है कि इस साल शिवराज सरकार (shivraj govt) का 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का हो सकता है, इसमें अप्रैल में कर्मचारिओं को दिए जाने वाले वेतन और पेंशनर की पेंशन की राशि भी सरकार की प्राथमिकता है।