सतना में पकड़ा गया था सरगना
मध्य प्रदेश एटीएस ने कार्रवाई करते हुए फरवरी 2017 में सतना के बलराम को गिरफ्तार किया था। बलराम आंतकियों के लिए फंडिंग का काम करता था और इसके बदले में पाकिस्तानी आकाओं से कमीशन लेता था। बलराम सतना जिले के सुहास गांव का रहने वाला था और साइबर फ्रॉड, लाटरी ठगी जैसे गिरोह के साथ पाकिस्तान हैंडलर्स व आईएसआई के संपर्क में आ गया था। धीरे-धीरे महारत हासिल कर वह आतंकियों तक धन पहुंचाने का मास्टरमाइंड बन गया था। बलराम निजी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए पाकिस्तान से आने वाली इंटरनेट कॉल को मोबाइल कॉल में कन्वर्ट कर बात भी कराता था। इसके लिए वह चाइनीज सिम बॉक्स का इस्तेमाल कर रहा था।
तत्कालीन एटीएस चीफ संजीव शमी के अनुसार नवंबर 2016 में जम्मू के थाना आरएसपुरा में सतविंदर व दादू नाम के दो व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ये आईएसआई एजेंट के कहने पर सामरिक महत्व की सैन्य सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भेज रहे थे। सतविंदर को इस काम के लिए सतना के बलराम के माध्यम से पैसे दिए जा रहे थे।
मार्च, 2018 में उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (एटीएस) ने आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले 10 मददगारों को गिरफ्तार किया था। इसमें एक रीवा का भी लड़का था। ये आंतकियों के लिए फंडिंग का काम करता था। ये कार्रवाई देश के तीन राज्यों में की गई थी। एटीएस ने बताया था कि पाकिस्तान में बैठा लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकी इन लोगों की मदद से भारत में गैरकानूनी पैसे की सप्लाई का नेटवर्क चला रहा था। जिन 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था उसमें से एक संदिग्ध आतंकी मध्यप्रदेश के रीवा जिले का था। आंतकियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार शंकर सिंह रीवा जिले के सेमारिया थाने के बीड़ा जनपद का रहने वाला था।
यूपी एटीएस ने कार्रवाई करते हुए सीधी जिले के सौरभ शुक्ला को रविवार को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। सौरभ शुक्ला पर आंतकियों को फंडिंग करने का आरोप है। सौरभ शुक्ला पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और आतंकियों के लिए फंडिंग का काम करता था।