script…तो यहां आकर न अटक जाए मेट्रो की रफ्तार | ...so don't get stuck by coming here, the speed of the metro | Patrika News
भोपाल

…तो यहां आकर न अटक जाए मेट्रो की रफ्तार

मेट्रो के 6.22 किमी रूट से आगे, फैक्ट्री, पुठ्ठा मिल और श्मशान घाट की जमीनों के मामले कोर्ट में, विवाद सुलझाने प्रशासन ने शुरू की तैयारी

भोपालJan 15, 2022 / 09:48 pm

प्रवेंद्र तोमर

...तो यहां आकर न अटक जाए मेट्रो की रफ्तार

मेट्रो के 6.22 किमी रूट से आगे, फैक्ट्री, पुठ्ठा मिल और श्मशान घाट की जमीनों के मामले कोर्ट में, विवाद सुलझाने प्रशासन ने शुरू की तैयारी


भोपाल. 6.22 किमी मेट्रो रूट की बाधाएं दूर होने के बाद सुभाष नगर से करोद तक का रूट तीन विवादित जमीनों में उलझता नजर आ रहा है। ग्लू फैक्ट्री, श्मशान घाट और पुठ्ठा मिल की जमीन के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन पर फैसला हुए बगैर रूट का निर्माण पूरा नहीं हो पाएगा। ऐसे में जिला प्रशासन ने इन जमीनों का विवाद जल्द सुलझाने की तैयारी शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि तीनों संस्थाओं की कुल 49 एकड़ जमीन है। जिसकी वर्तमान कीमत करीब 2 हजार करोड़ रुपए के आसपास आंकी जा रही है। विवादित जमीनों को लेकर जिला प्रशासन अपना पक्ष उच्च न्यायालय के समक्ष रखेगा। कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट में बताएगा कि शहर में मेट्रो का संचालन शुरु होना है, इसके चलने से आम लोगों को राहत मिलेगी। लेकिन तीनों जमीन मेट्रो रूट में आ रही हैं, ऐसे में निर्माण प्रभावित होगा। इसलिए जमीन पर दिए गए स्टे को खत्म कर दोबारा जमीन प्रशासन को सौंप दी जाए।
वर्तमान में यह है स्थिति
जिला प्रशासन के अफसरों की माने तो स्टड फार्म की 77.13 एकड़ जमीन मेट्रो के डिपो के लिए आरक्षित की गई है, उसमें से दस एकड़ जमीन विवादित है। लगभग 8 एकड़ जमीन को लेकर भोपाल ग्लू फैक्ट्री और नगर निगम के बीच मामला कोर्ट में है। जबकि दूसरी जमीन स्टड फॉर्म से लगी हुई है, यह 14 एकड़ जमीन श्मशान घाट के लिए विश्राम घाट कमेटी को दी गई थी। जबकि तीसरी 25 एकड़ जमीन नादरा बस स्टैंड के पास बंद हो चुकी पुठ्ठा मिल की है। इसकी लीज 2004 में तत्कालीन कलेक्टर अनुराग जैन ने निरस्त कर दी थी। इन तीनों ही जमीनों के मामले वर्तमान में उच्च न्यायालय में चल रहे हैं।
कलेक्टर ने दिए रूट में आ रही दिक्कतों को दूर करने के दिए निर्देश

मेट्रो रूट में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए प्रशासन जुट गया है। इसके लिए समय सीमा भी तय की गई है। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने रूट में आ रही दिक्कतों को दूर करने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। जमीनों का अधिग्रहण, मकानों की शिफ्टिंग, अतिक्रमण हटाना और हाईकोर्ट के लंबित मामले शामिल हैं। पिछले दिनों कलेक्टर ने सभी एसडीएम को रूट में आ रही सरकारी जमीनों को चिंहित करने के निर्देश एक बार फिर से दिए हैं। ताकि इनको अपने पजेशन में लिया जा सके ।

Home / Bhopal / …तो यहां आकर न अटक जाए मेट्रो की रफ्तार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो