गए वो दिन… कागज में भी जगह नहीं मिलती
बीते वर्षों में राजनीतिक दल चुनाव आयोग को स्टार प्रचारकों की सूची सौंपते थे, उसमें फिल्मी सितारों के नाम भी होते थे। अब फिल्मी सितारों को स्टार प्रचारकों की सूची में स्थान नहीं मिलता। अब दलों के वरिष्ठ नेता ही स्टार प्रचारकों की सूची में रहते हैं। हालांकि सूची में शामिल सभी नेता चुनाव में प्रचार में नहीं जा पाते। ज्यादातर स्थानीय स्तर पर या अपने क्षेत्र में प्रचार करते हैं।
जनता करती थी फिल्मी कलाकारों का इंतजार
डेढ़ दशक पहले तक चुनावों में फिल्मी सितारों का इंतजार लोग करते थे। यही एक मौका होता था जब लोग फिल्मी सितारों को करीब से देख सकते थे। जब कलाकार अपने अंदाज में फिल्मी डायलॉग बोलते थे तो सभास्थल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठता था। मप्र में भाजपा के मंच पर हेमा मालिनी, शत्रुघन सिन्हा जैसे फिल्मी सितारे दिख जाते थे। ड्रीम गर्ल के नाम से प्रसिद्ध हेमा मालिनी के मंच पर आते ही तो शोले के डायलॉग की मांग होती थी। शत्रुघन जब अपने चिरपरिचत अंदाज में मंच से खामोश बोलते थे, तो लोगों का उत्साह देखते ही बनता था। राज बब्बर ने लंबे समय तक कांग्रेस के लिए वोट मांगे, सभाएं भी कीं। वहीं सिने अभिनेत्री नगमा, उर्मिला मातोंडकर भी कांग्रेस के मंच पर नजर आती थीं, लेकिन अब नेता ही स्टार हैं… सुपर स्टार हैं.. उनके बयान ही डायलॉग हैं।