ज्ञापन में कार्यकत्ताओं ने बताया कि अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को 500 रुपए की नि:शुल्क स्टेशनरी का वितरण किया जा रहा है। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष गौरव खातरकर ने बताया किकॉलेज प्रशासन द्वारा प्रदाय की जा रही स्टेशनरी पर एमआरपी बहुत अधिक है अंकित है। कॉलेज से मिलने वाला केलकुलेटर पर 198 रूपए अंकित है। वही उसका बाजार मूल्य 100 रूपए है। जिससे साफ दिखाई दे रहा कि कॉलेज में स्टेशनरी खरीदी में कॉलेज प्रशासन द्वारा भारी अनियमितता की गई है। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष ने प्रभारी प्राचार्य को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौपकर उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर काठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि यदि जांच कर कार्रवाई नहीं होती है तो संगठन द्वारा आंदोलन किया जाएगा।