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जानकारी के अनुसार 23 वर्षीय विकास रायकवार निवासी छिंदवाड़ा राजधानी भोपाल की एक प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से डीएमएलटी कर रहा है। वह पढ़ाई के साथ फूड डिलेवरी का काम करता था, ताकि कुछ खर्चा निकल जाए, इसी दौरान 5 जनवरी 2021 को बाइक से फिसलने के कारण चोट लग गई थी, वह ये समस्या दिखाने जेपी अस्पताल में भर्ती हुआ, जहां उसे प्रायवेट अस्पताल में जाकर बेहतर इलाज करवाने की सलाह दी गई, इसके बाद वह निजी अस्पताल में गया, जहां उसका ऑपरेशन किया गया, लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी समस्या कम होने की जगह बढऩे लगी, इसके बाद उसने एक ओर डॉक्टर को दिखाया, जिन्होंने भी यही बताया कि जल्द ठीक हो जाएगा, लेकिन इसके बाद भी उसका पैर ठीक नहीं हुआ और दर्द बढऩे लगा, विकास ने बताया कि इसके बाद वह नागपुर इलाज कराने गया, जहां डॉक्टरों ने जान तो बचाई, लेकिन एक पैर काटना पड़ा, ऐसे में मेडिकल का स्टूडेंट अब बैसाखी के सहारे हो गया, जिससे उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भविष्य हो गया खराब
मेडिकल का स्टूडेंट जहां दिन रात मेहनत करके अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता था, वहीं उसका पैर कट जाने से उसके जीवन में निराशा छा गई, उसका जीवन खराब हो गया, इसके चलते उसने पहले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई, इसके बाद उपभोक्ता फोरम में जाकर केस दर्ज कराया, इस मामले में भोपाल के दो चिकित्सकों और नागपुर के एक चिकित्सक को नोटिस भेजा है, इन्हें 5 अप्रैल तक पेश होना है।
इनके खिलाफ मामला दर्ज
विकास ने नागपुर के डॉक्टर राजू देशमुख, भोपाल के जेपी अस्पताल के डॉक्टर तन्मय शाह और अरेरा ट्रॉमा एंड क्रिटिकल केयर अस्पताल के डॉक्टर अंकित शर्मा के खिलाफ हबीबगंज थाने में प्रकरण दर्ज करवाया है।
कर्ज में डूब गए पिता, 7 लाख रुपए उपचार में लगे
विकास ने बताया कि वह घर में तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह पढ़ाई के साथ काम भी करता था, लेकिन ये घटना होने पर उल्टा उसके पापा ने अब तक इलाज में 7 लाख रुपए से अधिक खर्च कर दिए हैं। जिससे उन पर कर्जा हो गया है। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण जीवन बर्बाद हो गया है। जिससे उसे विवाह में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।