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तनाव से है इस हार्मोन का संबंध
स्टडी में खुलासा हुआ है कि, कोरोना पॉजिटिव जिन मरीजों में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर सामान्य से ज्यादा पाया जाता है, कोरोना संक्रमण से उनकी जान जाने का खतरा अधिक होता है। मालूम हो कि कोर्टिसोल हार्मोन का सीधा संबंध तनाव से है। जब हमें तनाव होता है तो हमारी बॉडी कोर्टिसोल हार्मोन पैदा करती है। तनाव का स्तर जितना ज्यादा होगा, शरीर में कोर्टिसोल का स्तर भी उतना ही ज्यादा होगा।
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क्या है कोर्टिसोल हार्मोन?
शोधकर्ताओं के मुताबिक, स्वस्थ लोगों के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर 100-200 nm/L होता है। वहीं, जब इंसान सो रहा होता है तो उसके शरीर में कोर्टिसोल का स्तर जीरो होता है। तनाव की स्थिति में यही स्तर सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमण का प्रभाव अधिक होने का खतरा रहता है।
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इस तरह की गई स्टडी
स्टडी के दौरान 535 लोगों को ऑब्जर्वेट किया गया। इनमें से 403 लोग कोरोना पॉजिटिव थे। कोरोना मरीजों में कोर्टिसोल का स्तर ज्यादा पाया गया। जिन संक्रमितों में कोर्टिसोल लेवल 744 या उससे कम था, वह औसतन 36 दिनों तक सर्वाइव किए, जबकि 744 से ज्यादा कोर्टिसोल लेवल वाले मरीज 15 दिनों तक ही सर्वाइव कर पाए। पहले के कई शोध अध्ययनों में बताया जा चुका है कि तनाव बढ़ने से कई बीमारियों का तो खतरा होता है, लेकिन इस स्टडी ने यह भी जोड़ दिया है कि अधिक तनाव लेने वाले लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते जान जाने का भी बड़ा खतरा है। इस अध्ययन के जरिए लोगों को बताया गया है कि, संक्रमण होने की स्थिति में तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें।