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भारी पड़ेगी कोरोना की तीसरी लहर, नाकाफी हैं इंतजाम

locationभोपालPublished: Sep 19, 2021 04:02:45 pm

Submitted by:

deepak deewan

बड़े अस्पतालों में भी अधूरी तैयारी

The arrangements for the third wave of Corona are insufficient

The arrangements for the third wave of Corona are insufficient

भोपाल. कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी के साथ तीसरी लहर की आशंका भी बढ़ रही है. इस आशंका को बलवती होते देखते हुए सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में जुटी हुई है। अस्पतालों में आइसीयू से लेकर ऑक्सीजन प्लांट्स की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि ये इंतजाम नाकाफी लगते हैं. हाल ये है कि प्रदेश के बड़े अस्पतालों में भी अभी अधूरी तैयारी है.
इस स्थिति को देखते हुए विधानसभा की प्राक्कलन समिति अब अस्पतालों में चल रहे कार्यों की समीक्षा करेगी। २० सदस्यीय प्राक्कलन समिति २२ सितंबर को हमीदिया, जेपी और काटजू अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेगी। हालांकि तीनों अस्पतालों को लेकर जो दावे किए गए थे, कई अधूरे हैं। अब अस्पताल प्रबंधन इस मुश्किल में है कि समिति के आने के पहले कैसे कमियों को दूर किया जाए।
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हमने प्रदेश के बड़े अस्पतालों में शुमार राजधानी के तीन अस्पतालों में व्यवस्थाओं को जायजा लिया.

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हमीदिया अस्पताल
क्या होना था: डी-ब्लॉक में ८० बिस्तरों का पीडियाट्रिक आइसीयू बनाना था। दो ऑक्सीजन प्लांट भी लगाए जाने हैं।
अब तक यह स्थिति : आइसीयू में लाइट फिटिंग सहित २० फीसदी काम शेष हैं। प्लांट को क्वालिटी एश्यारेंस सर्टिफिकेट ही नहीं मिला है।
ऑक्सीजन प्लांट का काम लगभग पूरा हो गया है। आइसीयू हैंडओवर होते ही उसे शुरू कर देंगे। – डॉ. लोकेन्द्र दवे, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल
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जेपी अस्पताल
क्या होना था: एक-एक हजार लीटर के दो ऑक्सीजन प्लांट के साथ पीडियाट्रिक आइसीयू और डेंगू वार्ड तैयार किए जाने हैं।
अब तक यह स्थिति : एक ही प्लांट पूरा हो पाया है। दूसरा कंपनी से हैंडओवर होने के बाद चालू किया जा सकेगा। डेंगू वार्ड तैयार हो चुका है।
हमारी लगभग पूरी तैयारियां है। एक ऑक्सीजन प्लांट बचा है वह भी कुछ ही दिनों में काम करने लगेगा।
– डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल

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काटजू अस्पताल
क्या होना था: ऑक्सीजन प्लांट्स के साथ ५० बिस्तरों का आइसीयू तैयार किया जाना है। पीडियाट्रिक और गायनिक का विशेष विभाग।
अब तक यह स्थिति : कोविड स्पेशल अस्पताल होने के कारण अब तक सामान्य अस्पताल शुरू नहीं हो पाया है। गायनिक और पीड्रियाट्रिक वार्ड तैयार लेकिन स्थायी स्टाफ ना होने से शुरू नहीं कर पा रहे। बच्चों का एनआइसीयू, डिलेवरी और आईपीडी अभी बंद है।

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