क्या होना था: डी-ब्लॉक में ८० बिस्तरों का पीडियाट्रिक आइसीयू बनाना था। दो ऑक्सीजन प्लांट भी लगाए जाने हैं।
अब तक यह स्थिति : आइसीयू में लाइट फिटिंग सहित २० फीसदी काम शेष हैं। प्लांट को क्वालिटी एश्यारेंस सर्टिफिकेट ही नहीं मिला है।
ऑक्सीजन प्लांट का काम लगभग पूरा हो गया है। आइसीयू हैंडओवर होते ही उसे शुरू कर देंगे। – डॉ. लोकेन्द्र दवे, अधीक्षक हमीदिया अस्पताल
जेपी अस्पताल
क्या होना था: एक-एक हजार लीटर के दो ऑक्सीजन प्लांट के साथ पीडियाट्रिक आइसीयू और डेंगू वार्ड तैयार किए जाने हैं।
अब तक यह स्थिति : एक ही प्लांट पूरा हो पाया है। दूसरा कंपनी से हैंडओवर होने के बाद चालू किया जा सकेगा। डेंगू वार्ड तैयार हो चुका है।
हमारी लगभग पूरी तैयारियां है। एक ऑक्सीजन प्लांट बचा है वह भी कुछ ही दिनों में काम करने लगेगा।
– डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक, जेपी अस्पताल
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काटजू अस्पताल
क्या होना था: ऑक्सीजन प्लांट्स के साथ ५० बिस्तरों का आइसीयू तैयार किया जाना है। पीडियाट्रिक और गायनिक का विशेष विभाग।
अब तक यह स्थिति : कोविड स्पेशल अस्पताल होने के कारण अब तक सामान्य अस्पताल शुरू नहीं हो पाया है। गायनिक और पीड्रियाट्रिक वार्ड तैयार लेकिन स्थायी स्टाफ ना होने से शुरू नहीं कर पा रहे। बच्चों का एनआइसीयू, डिलेवरी और आईपीडी अभी बंद है।