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भोपाल

दिमाग की नस फटने से होती है लकवे की शिकायत,यह कोई बाहरी हवा नहीं

उम्र बढऩे के साथ ही लोगों में बढ़ जाती है हाइपर टेंशन की संभावना

भोपालNov 29, 2018 / 09:10 pm

Rohit verma

paralysis

दिमाग की नस फटने से होती है लकवे की शिकायत,यह कोई बाहरी हवा नहीं

भोपाल से रोहित वर्मा की रिपोर्ट. उम्र बढऩे के साथ ही हाइपर टेंशन की शुरुआत हो जाती है। इसकी वजह रक्त की नलिकाएं कठोर होती जाती हैं और इसमें लचीलापन खत्म हो जाता है। इससे ब्लड प्रेशर की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।

हाइपरटेंशन में हार्ट, किडनी व शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है। इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। डॉक्टर मनोज वर्मा, नोडल ऑफिसर एनसीडी क्लीनिक ने बताया कि हाइपर टेंशन के शुरुआती अव्स्था में मरीज को कोई परेशानी नहीं होती, इसलिए लोग इसके इलाज में लापरवाही बरतते हैं।

इलाज में देरी पर इसके कम्प्लीकेशन सबसे खतरनाक होते हैं। इससे शरीर का हर अंग प्रभावित होता है। सबसे खतरनाक कम्प्लीकेशन स्ट्रोक होता है, जिसमें दिमाग की नस फट जाती है और खून का रिसाव शुरू हो जाता है। इससे मौत अथवा लकवा तक हो जाता है।

लकवे को अज्ञानतावश लोग ऊपरी हवा मानकर झाड़-फूंक कराने के साथ ही अनट्रेंड डॉक्टरों से लाल-पीले इंजेक्शन व दवाएं लेते हैं, जबकि ऐसे में क्वालीफाइड डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। रक्त का रिसाव कम है तो औषधियोंं से ठीक हो जाता है और रिसाव अधिक है तो ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है।

 

लाइफ मैनेजमेंट से किया जा सकता है नियंत्रित
हा इपर टेंशन किसी हद तक लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट से नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें लगातार सामर्थ के अनुसार व्यायाम करना जरूरी है। भोजन या सलाद में ऊपर से नमक नहीं लेना चाहिए। मेडिटेशन, प्रणायम और ध्यान करने के साथ ही अनावश्यक तनाव से बचना चाहिए। इसके बाद भी आपका ऊपर का रक्तचाप 140 और नीचे का 100 है तो दवाएं लेना आवश्यक है।

ऊपर का ब्लेड प्रेशर 180 से ऊपर हो तो नस फटने की संभावना बढ़ जाती है। ब्लड प्रेशर का इलाज बहुत आसान सस्ता और शुलभ है। सभी शासकीय अस्पतालों में इसका इलाज नि:शुल्क उपलब्ध है। इससे बचने के लिए धूम्रपान करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही नियमित चेकअप कराने के साथ ही दवाएं लें और डॉक्टर की सलाह मानें।

 

हाइपरटेंशन एक साइलेंट किलर है
हार्ट, किडनी सहित शरीर के अन्य अंगों पर इसका असर पड़ता है।
खून में कोलेस्ट्रॉल के बढऩे से यह समस्या होती है।
व्यायाम करें और भरपूर आराम करें।

शारीरिक कारण
खून में कोलेस्ट्रॉल का बढऩा
मोटापा
आनुवांशिक
अधिक मात्रा में मांसाहारी भोजन करना
अधिक मात्रा में तैलीय भोजन करना

ब्लड प्रेशर किसी हद तक लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट से नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें लगातार सामर्थ के अनुसार व्यायाम करना जरूरी है। भोजन या सलाद में ऊपर से नमक नहीं लें। लोगों को प्रणायाम, ध्यान करने के साथ ही अनावश्यक तनाव से बचना चाहिए।
डॉ. मनोज वर्मा, नोडल ऑफिसर एनसीडी क्लीनिक

उम्र दराज लोगों को डॉक्टर की सलाह से ही व्यायाम करना चाहिए। खाने-पीने में तेल और घी का सेवन कम करना चाहिए। शीर्ष आसन नहीं करें। समय-समय पर अपनी सेहत की जांच कराते रहें।
डॉ. अजय थेटे, मेडिकल स्पेस्लिस्ट जेपी/टीवी अस्पताल

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