तोमर, प्रहलाद, कुलस्ते को विधानसभा चुनाव में उतारा गया था। तोमर और प्रहलाद चुनाव जीत गए। तोमर को विधानसभा अध्यक्ष तो प्रहलाद को राज्य में मंत्री बनाया गया, लेकिन फग्गन चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा। वीरेंद्र और सिंधिया ने भी चुनाव लड़ा और ये जीते भी। चूंकि मोदी सरकार को सहयोगी दलों का सहारा है, ऐसे में फग्गन और वीरेंद्र की छुट्टी हो सकती है।
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मप्र के कोटे से मंत्री पद के प्रबल दावेदारों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान तो हैं ही, सतना सांसद गणेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद वीडी शर्मा के नाम भी बताए जा रहे हैं। इसके अलावा मोदी कैबिनेट में मप्र से एक महिला सांसद को मौका दिया जा सकता है। इनमें शहडोल की युवा सांसद हिमाद्रि सिंह आगे हैं। वे आदिवासी वर्ग से आती हैं।
कमलनाथ के बयान पर भिड़े सलूजा-बबेले
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने पूर्व सीएम कमलनाथ का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि जनता को आपने धन-बल के दम पर इतने वर्षों तक गुमराह किया। जनता ने सच्चाई समझी तो उसने आपको घर भेज दिया। आप पैसे, खरीदने के, बहकने जैसे आरोप जनता पर लगाकर मजाक उड़ा रहे हैं। जनता ने सारी मदहोशी उतार दी है। नाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने पलटवार में लिखा कि जिनके बारे में बदज़ुबानी कर रहे हो, उन्हीं के पांव पकड़कर राजनीति में आगे बढ़े हो। आप बिके थे या बहक गए थे। बीजेपी वाले भी जानते हैं कि जो एक जगह दगा देता है, वह हर जगह दगा देता है।