पुनर्वास कार्य योजना (RAF) के अनुमान के अनुसार, परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के रूप में 292 करोड़ रुपये का सुनिश्चित किए गए हैं। आरएएफ दो मार्गों के लिए है पर्पल लाइन (करोंद चौराहे से एम्स भोपाल तक) और रेड लाइन (भदभदा चौराहे से रत्नागिरी तक)। चरण में 27.872 किमी का मार्ग शामिल है, जिसमें दोनों लाइनों को शामिल किया गया है।
मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड नीति भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास पर लागू कानूनों और यूरोपीय निवेश बैंक और अन्य आईएफआई जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण संस्थानों की नीतियों के अनुपालन को सुनिश्चित करने वाली पहली होगी। बीआरटीएस और ‘स्मार्ट सिटी’ जैसी इसी तरह की परियोजनाएं, जो अभी तक प्रभावित लोगों को कोई प्रत्यक्ष मौद्रिक मुआवजा नहीं दे रही हैं।
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12.3 हेक्टेयर सरकारी और 2.7 हेक्टेयर निजी जमीन होगी अधिग्रहण
शुरुआती आकलन के अनुसार, इसके लिए कुल 12.3 हेक्टेयर सरकारी जमीन अधिग्रहण की जाना प्रस्तावित है। जबकि, निजी भूमि की सीमा 2.7 हेक्टेयर आंकी गई है। एम्स के पास एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले लगभग 85 से 90 घरों और परिवारों को विस्थापित किया जाएगा, क्योंकि वो अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित सरकारी भूमि पर रह रहे हैं। इसके अलावा, 270 से 290 दुकानों और स्थायी या अस्थायी संरचनाओं वाले कियोस्क की भूमि का अधिग्रहण मेट्रो लाइनों और संबंधित बुनियादी सुविधाओं जैसे पार्किंग क्षेत्रों और स्टेशनों के निर्माण के लिए किया जाएगा, बता दें कि, ये दावा एम.पी.एम.आर.सी.एल की रिपोर्ट में किया गया है।
परियोजना को ढाई साल में करना है पूरा
परियोजना के कार्यान्वयन का काम 30 महीनों में पूरा किया जाना है। इसके लिए आरएपी के कार्यान्वयन के दौरान 292.86 करोड़ का अनुमान लगाया गया है। कुल अनुमानित बजट में भूमि के नुकसान के मुआवजे के लिए फंड 199.36 करोड़ रुपए, संरचना के नुकसान के लिए मुआवजा 39.26 करोड़ रुपए, प्रभावित परिवारों के लिए एकमुश्त सहायता 14.60 करोड़ रुपए, एकमुश्त पुनर्वास भत्ता 1.02 करोड़ रुपए, आवासीय भूमि की हानि 44 लाख रुपए और विस्थापित होने पर विज्ञापनों की हानि के लिए 6.57 करोड़ रुपए सुनिश्चित किया गया है।
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