script1 लाख रुपए महीने की नौकरी छोड़ी, ढाई साल तक की कड़ी मेहनत और बन गए ऑफिसर | Vaibhav quit his 1 lakh rs job and worked hard now becomes IRS officer | Patrika News
भोपाल

1 लाख रुपए महीने की नौकरी छोड़ी, ढाई साल तक की कड़ी मेहनत और बन गए ऑफिसर

UPSC में ऑल इंडिया में 327वीं रैंक हासिल करने वाले वैभव ने अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एक लाख रूपए महीने की नौकरी छोड़ी, ढ़ाई साल तक सोशल मीडिया से दूर रहे..

भोपालAug 05, 2020 / 04:13 pm

Shailendra Sharma

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भोपाल/छतरपुर. छतरपुर जिले के छोटे से कस्बे लवकुशनगर के रहने वाले वैभव त्रिवेदी अब IRS बनकर देश की सेवा करेंगे। वैभव ने UPSC-2019 की परीक्षा में देश में 327वीं रैंक हासिल की है। वैभग के पिता बीडी त्रिवेदी छतरपुर के ही अक्टौंहा गांव के स्कूल मे प्रधान अध्यापक हैं और मां शांति त्रिवेदी लवकुशनगर तहसील कोर्ट में वकील। वैभव की इस सफलता के बाद लोग लगातार उन्हें बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं और उनके मोबाइल की घंटी बंद होने का नाम नहीं ले रही है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें खूब बधाईयां दी जा रही हैं।

1 लाख रुपए महीने की नौकरी छोड़ी
यूपीएससी परीक्षा में 327वीं रैंक हासिल करने वाले वैभव त्रिवेदी ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना यूपीएससी की परीक्षा देने का था। वैभव ने बताया कि उन्होंने 2018 में यूपीएससी का पहला एग्जाम दिया था और इसके बाद 2019 में और अधिक तैयार करके परीक्षा दी। परीक्षा देने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनका सिलेक्शन हो जाएगा। वैभग ने बताया कि वो अभी एक बार और यूपीएससी की परीक्षा देंगे ताकि उनकी रैंकिंग में सुधार हो वो IAS ऑफिसर बन सकें। बनारस आईटीआई से बीटेक और एमटेक करने के बाद वैभव गुडगांव चले गए थे जहां ओयो कंपनी में करीब एक लाख रुपए महीने की अच्छी सैलरी पर प्राइवेट नौकरी कर रहे थे लेकिन करीब दो साल तक नौकरी करने के बाद उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि अगर यूपीएससी का एक्जाम निकालना है तो उस पर फोकस करना बेहद जरुरी है इसलिए उन्होंने परिवारवालों से बात कर नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। नौकरी छोड़ने के बाद सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी बनाते हुए रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करने लगे जिसका परिणाम आज ये है कि उन्होंने अपना बचपन का सपना पूरा कर लिया है।

युवाओं को दिया हार्ड वर्क का मंत्र
वैभव ने पत्रिका से बात करते हुए आगे बताया कि उन्होंने 5वीं तक की पढ़ाई लवकुशनगर के शिशुमंदिर से की है और इसके बाद जवाहर नवोदय विद्यालय में 12वीं तक पढ़ाई की फिर बनारस ITI से बीटेक और एमटेक किया। एमटेक करने के बाद वो गुड़गांव चले गए थे जहां उन्होंने 2 साल तक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की। युवाओं को सफलता के टिप्स देते हुए वैभव ने बताया कि पढऩे के अलावा अपना नजरिया विकसित करने के लिए करेंट अफेयर्स के प्रति सोच बनाना और उसकी हैंडलिंग के विषय में सोचने वाला एटीट्यूट लाना बेहद जरुरी होता है और इसके लिए हार्ड वर्क सबसे जरूरी होता है।

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