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भोपाल

मुंबई जैसी विसर्जन पॉलिसी बनाएगी सरकार, ताकि दोबारा ना हो खटलापुरा जैसा दर्दनाक हादसा

चल समारोह के रास्ते में बड़े मंचों पर प्रतिबंध, सदस्य बोले- बन चुकीं मूर्तियों का क्या करें

भोपालSep 15, 2019 / 10:01 am

KRISHNAKANT SHUKLA

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भोपाल. कलेक्टर कार्यालय में हिन्दू उत्सव समिति के पदाधिकारियों की शनिवार को बैठक हुर्ई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में समिति के तीन पूर्व अध्यक्षों के साथ पदाधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने प्रतिमाओं की ऊंचाई अधिकतम छह फीट रखने का समर्थन किया। पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि हम कई सालों से समितियों को कह रहे हैं कि प्रतिमाओं की ऊंचाई कम से कम हो, साथ ही डीजे आदि का उपयोग भी बंद होना चाहिए।

विसर्जन घाट पर नशा करने पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। सुबोध जैन ने कहा कि चल समारोह मार्ग में अनेक स्थानों पर बड़े-बड़े मंच लगा दिए जाते हैं, इसे भी कम करना चाहिए, ताकि परेशानी न आए। प्रमोद नेमा ने कहा कि अब प्रतिमाएं बन चुकी हैं, इस स्थिति में सख्ती करना संभव नहीं है, लेकिन आपस में समन्वय कर इस समस्या का आगे हल निकाला जा सकता है।

साथ ही कई कारीगर यहां दूसरे राज्यों से आते हैं, उनके पास न तो लाइसेंस होता है, न ही लाइट आदि की व्यवस्था। ऐसे में जरूरी है कि कारीगरों के लाइसेंस भी बनाए जाएं। बैठक के बाद कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने विसर्जन के दौरान हुए हादसे में छह लोगों की जान बचाने वाले नितिन बाथम को 50 हजार रुपए देकर सम्मानित किया।

 

 

एसडीएम ने की जांच

बैठक के बाद एसडीएम ने अपने सर्किलों में जांच की तो उन्हें 10 से 14 फीट तक की प्रतिमाओं का निर्माण होता मिला। अब प्रशासन के लिए ये चुनौती है कि बन चुकी प्रतिमाओं को लेकर क्या रणनीति तय की जाए।

दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन से पहले गाइड लाइन

भोपाल में हुए हादसे के बाद अब राज्य सरकार सक्रिय हुई है। ऐसे हादसे दोबारा न हों इसके लिए मुम्बई की तर्ज पर विसर्जन पॉलिसी बनाने की तैयारी की जा रही है। दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के पहले गाइड लाइन तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि सरकार के मंत्री, विधायकों सहित जिला प्रशासन, नगर सुरक्षा समिति एवं आमजनता से सुझाव लिए जाएंगे। इसके लिए अभी सरकार के पास एक पखवाड़े का समय है।

मृतकों के परिजनों को मिलेगी नगर निगम में नौकरी

महापौर परिषद की बैठक में मृतकों के परिजनों को नगर निगम में 25 दिवसीय कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही सभी 11 पीडि़त परिवारों को भानपुर में राजीव आवास योजना के तहत बनाए मकान आवंटित करने पर भी सहमति बनी। ये प्रस्ताव परिषद की बैठक में रखा जाएगा, पास होने के बाद प्रक्रिया शुरू होगी। महापौर आलोक शर्मा ने पीडि़त परिवारों को नगर निगम की ओर से घोषित दो लाख रुपए की मुआवजा राशि भी वितरित की।

 

हादसे के बाद जागा नगर निगम
मछुआरों और नाव संचालकों के साथ पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक

घ टना के बाद नगर निगम प्रशासन ने मूर्ति विसर्जन के दौरान नावों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। चोरी छिपे नावों के इस्तेमाल पर कड़ी कार्रवाई होगी। दरअसल, शनिवार को निगमायुक्त बी.विजय दत्ता और डीआईजी इरशाद वली ने मछुआरों और नाव संचालकों के साथ पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक की। इसमें निगम के अपर आयुक्त कमल सोलंकी, राजेश राठौर, पवन सिंह, झील संरक्षण प्रकोष्ठ के कार्यपालन यंत्री संतोष गुप्ता सहित पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

घाटों पर तैनात होगा जीवन रक्षा दल

महापौर आलोक शर्मा ने बताया कि बड़े तालाब की तर्ज पर अब सभी तालाबों पर जीवन रक्षा दलों को तैनात किया जाएगा। इससे दुर्घटना के दौरान तत्काल मदद दी जा सकेगी। तालाबों में अवैध रूप से चल रही नावों के मानक तय करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। सुरेंद्र वाडीका और अपर आयुक्त की यह कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर इन नावों के संचालन को लेकर मापदंड तय होंगे।

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