प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अध्यक्ष पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है। कमलनाथ ने कहा है कि मैं बहुत थक गया हूं और अभी कुछ निर्णय नहीं कर पा रहा हूं।’ कमलनाथ चुनाव में पार्टी का चेहरा-मोहरा थे। उनकी बातों से लगता है कि उन्हें हार का बहुत बुरा झटका लगा है। गुरुवार को वे दिल्ली में थे। वहां उनसे कांग्रेस के कुछ नेता मिले। इनसे चर्चा में उन्होंने कि इस्तीफा देने का सोच रहा हूं। कमलनाथ ने पत्रिका से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है।
सत्ता-संगठन में इस तरह का कॅरियर
77 वर्षीय नाथ वर्ष 1968 में कांग्रेस में शामिल हुए। 1980 में छिंदवाड़ा से पहली बार सांसद चुने गए और वर्ष 2014 तक नौ बार सांसद रहे। अप्रेल 2019 के उपचुनाव में छिंदवाड़ा से ही पहली बार विधायक बने और इस बार दूसरी बार। वे 2002 से 04 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और कार्यसमिति सदस्य भी रहे। आज दिल्ली में अहम बैठक शुक्रवार को कांग्रेस ने तीनों राज्यों की हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में बैठक बुलाई है। इसमें कमलनाथ व दिग्विजय सिंह शिरकत करेंगे।
लोकसभा चुनाव पर कुछ नहीं बोले
पत्रिका ने पूछा, लोकसभा चुनाव सामने हैं। प्रदेश में उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा? इस पर कमलनाथ ने दोहराया, पता नहीं मगर अभी बहुत थक गया हूं। कमलनाथ बीते विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने थे। करीब साढ़े पांच साल पहले 25 अप्रेल 2018 को नाथ ने पार्टी की कमान हाथ में ली थी।