
रमज़ान : खजूर से ही क्यों खोला जाता है रोज़ा? जानिए इसके बेशुमार फायदे
भोपाल/ रमज़ान का पाक महीना चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पूरे महीने में रोजे रखते हैं। सुबह के पहले पहर से पहले सेहरी करने के बाद पूरे दिन रोज़ा रखते हैं और इसी हाल में अल्लाह की इबादत करते हैं। इसके बाद शाम को गुरूब आफताब यानी सूरज छिपने के वक्त इफ्तार करके रोज़ा खोला जाता है।
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खजूर की अहमियत (महत्व)
रोज़ा अकसर खजूर खाकर खोला जाता है। इसके बाद आप दूसरी कोई भी चीज खा पी सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि, अगर इफ्तार के वक्त खजूर न हो तो रोज़ा ही न खोला जाए, रोज़ा किसी भी खाने की चीज़ से खोला जा सकता है। लेकिन, खजूर को इसमें पहली प्राथमिकता दी गई है। अगर खजूर न हो तो रोज़ेदार पानी से रोजा खोल सकता है और पानी भी न हो तो फिर अन्य किसी भी चीज से रोजा खोला जा सकता है। लेकिन, क्या आपने गौर किया कि, आखिर खजूर से रोज़ा खोलने को ही सबसे बेहतर क्यों बताया गया, इफ्तार में खजूर खाने का कॉन्सेफ्ट कहां से आया? हेल्थ के लिहाज से यह कितनी फायदेमंद है?
खजूर से सेहत
डॉ. नाज़िम अली ने बताया कि, दिन बार भूखे प्यासे रहने के बाद रोजा खोलने के वक्त कुछ लोग पेट भरकर खाना खा लेते हैं। हालांकि, इससे कई परेशानियों का खतरा बढञ जाता है। इस्लाम में भी इसकी मनाही है साथ ही मेडिकल साइंस भी दिनभर की खाली आंतों में एकदम ज्यादा खाना भर लेने को सही नहीं मानता। ऐसे में खजूर से रोजा खोलने से शरीर को काफी ऊर्जा मिलती है। इससे भूख कम लगती है। खजूर में काफी मात्रा में फाइबर होता है, जो दिनभर भूखी प्यासी रही बॉडी के लिए जरूरी होता है। खजूर खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। पूरे दिन कुछ न खाने से शरीर में कमजोरी आ जाती है, ऐसे में खजूर के सेवन से कम खाकर शरीर को ज्यादा ताकत पहुंचाई जा सकती है।
खजूर का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम होता है, जिससे दिल की बीमारीयां होने का खतरा नहीं रहता है। साथ ही इसमें आयरन पाया जाता है, जो कि खून से संबंधित बीमारियों से निजात दिलाता है। इसके अलावा खजूर में पोटैशियम भारी मात्रा में होता है, वहीं सोडियम की मात्रा कम होती है, ये नर्वस सिस्टम के लिए फायदेमंद होता है।
खजूर से रोजा खोलना सुन्नत
एक रोजेदार मोहम्मद मुनव्वर उर रेहमान बताते हैं कि, इफ्तार में खजूर खाना इस्लामी सुन्नत में शुमार होता है। सुन्नत वो कार्य होता है, जो प्रॉफेट मोहम्मद स. किया करते थे। कई हदीसों में इस बात का जिक्र है कि, पैगम्बर मोहम्मद रमजान के दिनों में खजूर से ही रोजा खोलना पसंद किया करते थे। खजूर न मिलने पर पानी या किसी अन्य चीज से रोज़ा खोलते थे। वहां खजूर बहुतायत में पाया जाता है और इसकी पौष्टिकता को ध्यान में रखकर इसे इफ्तार में खाया जाता है।
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Updated on:
29 Apr 2020 04:58 pm
Published on:
29 Apr 2020 03:50 pm
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