रॉयल बंगाल टाइगर को ओडिशा रास नही आ रहा है। उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। बेहोशी के दौरान उसे ग्लूकोस चढ़ाया गया। वह पशु चिकित्सको की देखरेख में है। 48 घण्टे तक उसने कुछ नही खाया था लेकिन शुक्रवार शाम को उसने Wild pig का मांस खाया। उसे अब तक अनूगुल के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में नही छोड़ा गया। उसे ढाई एकड़ के विशेष एनक्लोजर में रखा गया है।
यह बोले जिम्मेदार
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डेन संदीप त्रिपाठी ने टाइगर की देखरेख में 18 जनो को तैनात किया है। उसका परीक्षण किया जाएगा। पशु चिकित्सक के अनुसार उसकी हालत अभी ठीक नहीं है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे सतकोसिया टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से 3 जोड़ा टाइगर यानी 6 नर मादा सातकोसिया टाइगर रिजर्व में रखे जाने है। ये पहला रॉयल बंगाल टाइगर है। दूसरा टाइगर जुलाई के पहले हफ्ते में लाया जाएगा। वन विभाग सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। त्रिपाठी ने बताया कि उस पर नजर रखी जा रही है।
एक दिन में हुई तबीयत खराब
गौरतलब है कि यह रॉयल बंगाल टाइगर गुरूवार को मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से ओडिशा लाया गया था। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि किसी टाइगर रिजर्व से कोई टाइगर अन्य किसी टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापन के लिए ले जाया गया हो। बता दें कि ओडिशा के इस टाइगर रिजर्व में बाघों के पुनर्स्थापन के लिए केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नेशनल टाइगर कंजरवेशन अथारिटी तथा भारतीय वन्यप्राणि संस्थान देहरादून द्वारा एक विशेष योजना तैयार की गई। इस योजना के अनुसार ओडिशा को नर और मादा मिलाकर तीन जोड़े यानी छह टाइगर दिए जाएंगे। इसी क्रम में यह पहला टाइगर ओडिशा लाया गया था।