किसानों को जागरूक करने की बात कही राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से लगे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जनपदों में टिड्डों के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। यह महामारी स्वरूप धर लेता है। उपकृषि निदेशक जेपी चौधरी ने बताया कि गांव-गांव में इस बारे में किसानों को जागरूक किया जाए। उनको बचाव के तरीके बताए जाए। अगर किसी के खेत में टिड्डी दल दिखाई दे तो फौरन ग्राम प्रधान, लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक और ग्राम पंचायत अधिकारियों के जरिये प्रशासन को जानकारी दें।
ऐसे करें बचाव टिड्डी के प्रकोप की दशा में एकसाथ टीन के डिब्बे, थालियां आदि बजाते हुए शोर मचाएं। इससे टिड्डी दल खेतों में आक्रमण नहीं कर पाएंगे। उपकृषि निदेशक ने बताया कि बसंत का मौसम और बलुई मिट्टी इसके प्रजनन एवं अंडे देने के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होता है। इस तरह के खेतों की जुताई करवा दें और पानी भरवा दें। इससे टिड्डी के विकास की संभावना कम हो जाती है। इससे बचने के लिए किसान क्लोरपाइरीफॉस 20 फीसदी ईसी का छिड़काव करें।