दरअसल, बिजनौर नहर पटरी मार्ग पर सिंचाई विभाग ने 1.16 करोड़ रुपये की लागत से 7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया है। गुरुवार को सड़क के उद्घाटन के लिए सदर विधायक सुचि चौधरी को बुलाया गया था। उद्घाटन कार्यक्रम में समय से पहुंची विधायक सुचि मौसम चौधरी ने जैसे ही नारियल उठाकर सड़क पर मारा तो सड़क पर डाली गई रोड़ी उखड़ गई, लेकिन नारियल नहीं फूट सका। इसी बीच रिमझिम बारिश शुरू हो गई। विधायक ने निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए तत्काल जांच की मांग की और वहीं धरना देकर बैठ गईं।
यह भी पढ़ें- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार, लोकार्पण से पहले बीजेपी ने महोत्सव के लिए किया सुपर-30 का गठन तीन घंटे बैठी रहीं धरने पर विधायक ने मांग की कि जिला प्रशासन तत्काल सड़क निर्माण की जांच करे। इस दौरान करीब तीन घंटे तक विधायक सुचि चौधरी धरने पर ही बैठी रहीं। विधायक के धरने और खराब सड़क निर्माण की बात सुन जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने इसकी जानकारी मिलते ही सड़क निर्माण की जांच के लिए आनन-फानन में एक टीम का गठन किया और उसे मौके पर भेज दिया। मौके पर पहुंची टीम को खुद विधायक सुचि चौधरी ने सड़क के नमूने भरकर जांच के लिए दिए।
फावड़ा मारते ही उखड़ी सड़क सदर विधायक के नारियल फोड़ने के दौरान सड़क की गिट्टी बाहर आ गई थी। इसके बाद विधायक सुचि मौसम चौधरी ने मौके पर फावड़ा मंगाया। जैसे ही विधायक ने फावड़ा चलाया तो सड़क ऐसे उखड़ती चली गई जैसे अभी तक बनी ही नहीं है। जिलाधिकारी के आदेश पर गठित टीम में लोक निर्माण विभाग के अभियंता ने सड़क निर्माण सामग्री के सैंपल लिए हैं। अब देखने वाली बात ये होगी कि इस भ्रष्टाचार की पोल खुल पाती है या फिर वहीं ढाक के तीन पात वाली स्थित रहती है।